चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के मलारी हाईवे के पास पहाड़ी से एक भारी-भरकम चट्टान गिर गई। इससे बीआरओ का 52 फीट लंबा पुल टूट गया। इसके कारण आसपास के इलाकों में आवागमन बंद हो गया है। ये हाईवे सेना को चीन बॉर्डर से कनेक्ट करता है। यह पुल भाप कुंड के समीप पनघटी नाले के ऊपर बना था। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मौके पर पहुंचकर वैली ब्रिज का निर्माण किया जाएगा।
जोशीमठ मलारी बॉर्डर हाईवे के समीप पहाड़ी से चट्टान दरकने के बाद पुल टूटने से मलारी नीति हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है। नीती घाटी का संपर्क फिलहाल जिला मुख्यालय से कट गया है। दो दिन पहले भी इसी तरह लैंडस्लाइड हुआ था। तब लैंडस्लाइड के मलबे से गोविंद घाट में अलकनंदा नदी के ऊपर बना मोटर पुल ध्वस्त होकर नदी में समा गया था। भाप कुंड के समीप पनघटी नाले के ऊपर बना बीआरओ का 52 फीट लंबा पुल गिरने से आवाजाही की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ये पुल बॉर्डर सुरक्षा के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है। चमोली जिला चीन के कब्जे वाले तिब्बत से बॉर्डर शेयर करता है। पुल टूटने से उस पार के लोगों का बाकी राज्य से संपर्क टूट गया है।
ब्रिज सेफ्टी ऑडिट में 75 पुल खतरनाक
तीन दिन के अंदर चमोली जिले में लैंडस्लाइड के मलबे की चपेट में आने से दो पुल टूट गए हैं। यहां के अधिकांश पुल खतरनाक हैं। पिछले साल कराए गए लोक निर्माण विभाग के ब्रिज सेफ्टी ऑडिट में उत्तराखंड के 75 पुलों को असुरक्षित माना गया था। इनमें हरिद्वार के 6 पुल भी शामिल थे। चिंता की बात ये थी कि इनमें से कुछ पुल नेशनल हाइवे के ऊपर भी बने हुए हैं। हरिद्वार के जर्जर पुलों में से एक रोशनाबाद बिहारीगढ़ राजमार्ग पर स्थित पुल था। जिस पर यातायात पूरी तरह से बंद किया गया था। इसके अलावा फतेहपुर खेड़ी और शिकोहपुर सिकरोड़ा मार्ग पर स्थित पुल पर भी यातायात बंद किया गया था।
Leave Comments