यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रयागराज महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने वालों के आंकड़े गिनते नहीं थक रहे। योगी जी खुश हैं कि अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में डुबकी लगा ली, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट ने डुबकी लगाने वालों की चिन्ता बढ़ा दी है। एनजीटी में दायर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संगम का पानी नहाने लायक नहीं है।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से लेकर विरोधी दलों के कई नेताओं ने भी इस मामले में योगी जी पर निशाना साधा है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इस सरकार ने सभी वीआईपी को भी मलयुक्त जल में ही स्नान करवा दिया। योगीजी, आप भले ही शंकराचार्य को अपना विरोधी मानकर उनकी बात को ठुकरा दें, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि आपने 55 करोड़ लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।
अरे, आपने तो प्रयागराज महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों के लिए इंतजाम की बात कही थी, लेकिन आपके दावे की पोल खुल गई। अगर इतना तगड़ा इंतजाम किया ही था तो फिर कुंभ में भगदड़ क्यों मची। आपकी सरकार ने मरने वालों तक के सही आंकड़े नहीं बताए, अभी भी लोग उस भगदड़ में खोए परिजनों को ढूंढ रहे हैं। आपके तगड़े इंतजाम के बाद भी बार-बार भगदड़ की स्थिति बनी। बार-बार तंबुओं में आग भी लगी और लोग प्रयागराज पहुंचकर परेशान होते रहे। ताज्जुब तो तब होता है योगीजी कि आप इसके बाद भी महाकुंभ की ब्रांडिंग में लगे रहे।
विडंबना यह है कि योगीजी कि आप इतने कष्ट उठाकर प्रयागराज पहुंच रहे लोगों को पवित्र स्नान के लिए साफ पानी तक उपलब्ध नहीं करा पाए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तो अखिलेश यादव की नहीं है ना। यह तो आपकी भाजपा की केंद्र सरकार की है। फिर इसने झूठ थोड़े ही बोला होगा कि पानी नहाने लायक नहीं।
योगीजी, आप खुद संन्यासी हैं, जरा सोचिए लाखों की संख्या में महाकुंभ में पधारे साधु-संतों के साथ आपने क्या किया? जिस अमृत जल में वे स्नान करने आए थे उसे विष बनने दिया। क्या आपकी सरकार, आपके अफसर संगम के पानी को महाकुंभ तक साफ नहीं रख सकते थे?
योगीजी, सवाल बहुत हैं, आपके तक भी पहुंच रहे हैं लेकिन अब आप कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं।
जरा सोचिएगा कि 144 साल बाद लगे इस महाकुंभ में कहीं आपकी सरकार से महापाप तो नहीं हो गया। योगीजी, आम आदमी की बात छोड़िए, आपने तो पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर मुकेश अंबानी तक को गंदे पानी में नहला दिया।
Leave Comments