लखनऊ में संघ कर रहा भाजपा पर मंथन
लखनऊ। लोकसभा चुनाव ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदर्शन ने आरएसएस को चिन्ता में डाल दिया है। इसके लिए लखनऊ में आरएसएस की समीक्षा बैठक हो रही है। पूर्वी क्षेत्र के संघ पदाधिकारियों की चार दिनों की बैठक का आयोजन यहां किया गया है। इस बैठक का 27 जून को दूसरा दिन है। बैठक में शाखाओं के विस्तार पर जोर दिया गया है। संघ चाहता है कि वह दलितों और पिछड़ों में पैठ बढ़ाने की रणनीति पर काम करे।
हार के पीछे ये वजहें सामने आईं
संघ इस बात को मान रहा है कि पिछड़ों और दलितों का वोट बैंक इंडिया गठबंधन की तरफ खिसका है, जिसकी वजह से बीजेपी की चुनाव में दुर्दशा हुई है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि संघ अपने संगठन के पदाधिकारियों की इस लोकसभा चुनाव में शिथिलता और उदासीनता को लेकर भी चिंतित है। कहा गया है कि यूपी में बीजेपी-आरएसएस के बीच समन्वय नहीं हुआ था।
सामाजिक समरसता बढ़ाने पर दिया जोर
समीक्षा बैठक में शाखाओं के लगने में हो रही कमी को लेकर भी संघ के अधिकारियों के बीच चिंता है। इस विषय पर चिंतन प्रक्रिया जारी रही है। इस बैठक में पदाधिकारियों से सुझाव मांगे गए। आरएसएस ने सामाजिक समरसता बढ़ाने पर जोर दिया है। बैठक के पहले दिन में संघ की पूर्वी क्षेत्र के अवध काशी गोरक्ष और कानपुर प्रान्त के क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल हुए।
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