मुख्तार अंसारी को आर्म्स एक्ट मामले में आजीवन कारावास
यूपी की बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (एमपीएमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. मंगलवार को 37 साल पुराने इस मामले में अदालत ने मुख्तार को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान किया . मुख्तार अंसारी को आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत दोषी पाया गया है, लेकिन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) में दोषमुक्त किया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्तार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए.
अपर शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार सिंह ने बीबीसी को बताया, फर्जी दस्तावेजों के मामले में धारा 467 के तहत आजीवन कारावास और एक लाख जुर्माना, धारा 420 के तहत 7 साल और 50 हज़ार जुर्माना, धारा 468 के तहत 7 साल एवं 50 हज़ार जुर्माने की सजा सुनाई गई है. साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत 6 महीने की सजा एवं 2 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा हुई है. 10 जून 1987 को बंदूक के लाइसेंस के लिए मुख्तार अंसारी ने ज़िला मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था, बाद में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से मंजूरी हासिल कर के लाइसेंस प्राप्त कर लिया था.
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