लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के सामने महाभारत जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। योगी सरकार ने स्व. मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया है। मंगलवार रात इस संदर्भ में आदेश जारी होने के बाद यूपी की सियासत में गरमाहट देखी जा रही है। मुलायम सिंह की यादव की छोटी बहू को महिला आयोग में अहम जिम्मेदारी देने के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले 19 जनवरी 2022 को केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्रदेव सिंह की उपस्थिति में भाजपा का दामन थाम लिया था। अपर्णा सपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। वह इस सीट पर सपा के टिकट पर ही साल 2017 में चुनाव हार चुकी थीं। अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था, जिसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गईं। उस समय उन्हें टिकट भी नहीं मिला और अब दो साल बाद जिम्मेदारी मिलने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।
यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश
लोकसभा चुनाव में सपा की बढ़ती ताकत से घबराई भाजपा ने अपर्णा को मैदान में उतारकर यादव वोटबैंक में सेंधमारी की कोशिश में जुट गई है। वैसे भी भाजपा के पास यूपी में अखिलेश के खिलाफ उतरने के लिए कोई बड़ा यादव नेता नहीं है। अब देखना यह है कि अपर्णा भाजपा के कितने काम आती हैं। यह नियुक्ति ऐसे समय की गई है जब यूपी की 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव से होने हैं।
प्रियंका की पोस्टर गर्ल को भी मौका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला आयोग में प्रियंका मौर्या को भी जगह दी है। 2022 विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कैंपेन लड़की हूं मैं, लड़ सकती हूं कैंपेन में प्रियंका मौर्या पोस्टर गर्ल थीं। बाद में प्रियंका मौर्या ने भाजपा ज्वॉइन कर लिया था।
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