चंदौसी में मिली ऐतिहासिक बावड़ी: खुदाई जारी, संरक्षित करने की मांग
संभल के चंदौसी में लक्ष्मणगंज क्षेत्र में मिली ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का कार्य जारी है। अब तक खुदाई में 14 सीढ़ियां और सीमेंट के बने खंभे उजागर हो चुके हैं
- Published On :
29-Dec-2024
(Updated On : 29-Dec-2024 11:04 am )
चंदौसी में मिली ऐतिहासिक बावड़ी: खुदाई जारी, संरक्षित करने की मांग
संभल के चंदौसी में लक्ष्मणगंज क्षेत्र में मिली ऐतिहासिक बावड़ी की खुदाई का कार्य जारी है। अब तक खुदाई में 14 सीढ़ियां और सीमेंट के बने खंभे उजागर हो चुके हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार सर्वेक्षण कर रही है, और संरचना की सुरक्षा के मद्देनजर मशीनों से कार्य रोककर 50 मजदूरों को सफाई और खुदाई के काम में लगाया गया है।

बावड़ी की संरचना और स्थिति:
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खुदाई के दौरान चार दरवाजों का एक हिस्सा और एक कमरा नजर आया है, जिसकी दीवारों पर गेट बने हुए हैं।
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माना जा रहा है कि बावड़ी का कुआं और मुख्य संरचना सड़क पार तक फैली है।
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बावड़ी के तीन ओर बने मकानों को अतिक्रमण माना जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी।
खुदाई कार्य:
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मजदूरों ने सड़क के इंटरलॉकिंग टाइल्स हटाकर खुदाई शुरू की, जिससे दीवारों और गलियारों का खुलासा हुआ।
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पहली मंजिल के गलियारों की सफाई में दिनभर काम चला। हालांकि, दूसरी ओर का गलियारा अभी पूरी तरह साफ नहीं हो सका है।
पूर्व सांसद का दावा:
पूर्व सांसद राजा चंद्रविजय सिंह ने इस बावड़ी को अपने परिवार की संपत्ति बताया है। उन्होंने कहा:यह बावड़ी उनके परिवार द्वारा सहसपुर स्टेट के अंतर्गत बनाई गई थी।बावड़ी तीन मंजिला है और उत्तरी भारत में इस प्रकार की संरचनाएं दुर्लभ हैं।उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इसे पुरातत्व विभाग के संरक्षण में लेकर जीर्णोद्धार किया जाए, ताकि यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सके।
ऐतिहासिक महत्व:
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पूर्व सांसद के अनुसार, बावड़ी का निर्माण उनके पूर्वज राजा कृष्ण कुमार सिंह साहब ने करवाया था।
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बावड़ी के पास मौजूद कृष्ण निवास कोठी इसी परिवार का हिस्सा थी।
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उन्होंने प्रशासन से पुराने रिकॉर्ड खंगालने की अपील की है, जिससे इतिहास की सच्चाई सामने आ सके।
प्रशासन की कार्रवाई:
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प्रशासन बावड़ी के दायरे को जानने के लिए आसपास का अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
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खुदाई कार्य को पूर्ण करने और संरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एएसआई और नगर पालिका मिलकर काम कर रहे हैं।
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