नई दिल्ली। देश की जनता आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर टकटकी लगाए बैठी थी, लेकिन निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। आरबीआई के इस फैसले से न तो आपकी ईएमआई कम होने वाली है और न महंगाई से राहत मिलने वाली है। यह 11 वां मौका है जब आरबीआई ने रेपे रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
शुक्रवार को मौद्रिक समीक्षा बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि एमपीसी और आरबीआई की पॉलिसी का असर लोगों के जीवन पर पड़ता है। हमारी जिम्मेदारी महंगाई को नियंत्रित करना है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक कमेटी के 6 में से 4 सदस्य रेपो रेट में बदलाव करने के पक्ष में नहीं थी। हमारी जिम्मेदारी जीडीपी को मजबूत करना है। आरबीआई ने कैश रिजर्व रैश्यो यानी सीआरआर में 0.50 फीसदी की कटौती की। इस कटौती के साथ ही सीआरआर 4.50 फीसदी से घटकर 4 फीसदी पर पहुंच गया है। आरबीआई के एक फैसले से बाजार में 1.6 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ेगी। आरबीआई ने एसडीएफ दर 6.25% पर बरकरार एमएसएफ दर 6.75% पर बरकरार रखा है। आरबीआई का अनुमान है कि जनवरी से मार्च में महंगाई कम होगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई का जीडीपी ग्रोथ पर बुरा असर पड़ा है।
रेपो रेट घटता तो लोन में मिलती राहत
रेपो रेट घटने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज दर पर सस्ता लोन मिलेगा। जब बैंक को सस्ता लोन मिलेगा तो वो अपने ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर लोन बांटेगा। एक बार फिर आरबीआई ने रेपो रेट नहीं घटाया है। इसके कारण आपके हाउसिंग, कार तथा अन्य लोन के ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलने वाली।
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