नई दिल्ली। अब आपका आधार कार्ड, वोटर आईडी से भी लिंक होगा। इस संबंध में मंगलवार को गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग की बैठक में फैसला लिया गया। चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान-पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव, एमईआईटीवाई सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ के साथ बड़ी बैठक की। इस बैठक में मतदाता पहचान-पत्र-आधार से जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा की गई। चुनाव प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, जबकि आधार केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) को आधार से जोड़ने का काम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय (2023) के अनुरूप ही किया जाएगा। इसके अनुसार यूआईडीएआई और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही विचार किया जाएगा।
बैठक में यह तय किया गया
बैठक के बाद चुनाव प्राधिकरण ने एक बयान जारी कर बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) को आधार से जोड़ना संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय (2023) के अनुरूप ही किया जाएगा। इसके लिए यूआईडीएआई और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही बैठक होगी। इसके बाद प्रक्रिया शुरू होगी। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू, डॉ. विवेक जोशी, केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे।
विपक्ष लगातार उठा रहा था मुद्दा
डुप्लीकेट वोटर कार्ड को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था। कई बार संसद में भी यह मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया था। बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा था कि वह दशकों पुरानी डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) नंबरों की समस्या को अगले तीन महीने में हल कर लेगा। इसके बाद इस बैठक का आयोजन किया गया।
Leave Comments