नई दिल्ली। आज सोमवार यानी 17 फरवरी से फास्टैग के नए नियम लागू हो गए हैं। अब लो बैलेंस, पेमेंट में देरी या फिर फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने नियमों में यह बदलाव टोल पर गाड़ियों को लंबी कतार कम करने और यात्रा को सुविधाजनक बनाने के मकसद से किया है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग इकोसिस्टम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जारी किए हैं। नए नियमों के तहत, अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक भी निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। यानी टोल पेमेंट नहीं हो पाएगा। इस तरह के पेमेंट को सिस्टम में एरर कोड 176 लिखकर रिजेक्ट कर देगा।
इन फास्टैग यूजर्स को देना होगा ज्यादा चार्ज
टोल पेमेंट को सरल बनाने और विवादों को कम करने के लिए चार्जबैक प्रक्रिया और कूलिंग अवधि के साथ-साथ लेनदेन अस्वीकार नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। नई गाइडलाइंस के मुताबिक अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो फास्टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। इससे पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे. नए नियम के बाद अब यूजर्स को फास्टैग को पहले रिचार्ज करना होगा.
नए नियमों को जान लेना जरूरी
फास्टैग के नए नियमों को जानना जरूरी है, क्योंकि नहीं जानने पर आपको नुकसान हो सकता है। अगर आपका फास्टैग ब्लैकलिस्ट है, लेकिन आप इसे रीड होने से 60 मिनट के अंदर या फिर रीड होने के 10 मिनट में रिचार्ज करते हैं, तो आपको फायदा होगा। नॉमिनल चार्ज पर आपका पेमेंट हो जाएगा। नए नियम यूजर्स को अपने फास्टैग स्टेट्स में सुधार के लिए 70 मिनट की विंडो देता है। इसके अलावा अगर टोल के पास पहुंचने से पहले से ही फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है, तो ऐसे में तुरंत रिचार्ज करने से भी टोल प्लाजा पर पेमेंट नहीं हो पाएगा और आपसे दोगुना टोल वसूला जाएगा। अगर आपका फास्टैग टोल क्रॉस करने से 60 मिनट पहले इनेक्टिव है और क्रॉस करने के 10 मिनट बाद तक निष्क्रिय रहता है तो आपका भुगतान कैंसल हो जाएगा। सिस्टम इसे एरर कोड 176 दिखाएगा। मतलब साफ है, फास्टैग एक्टिव रखें, नहीं तो वरना टोल पर परेशानी हो सकती है।
कूलिंग अवधि में बदलवा
टोल भुगतान को आसान बनाने और विवाद कम करने के लिए चार्जबैक प्रक्रिया और कूलिंग अवधि में भी बदलाव किए गए हैं। साथ ही लेनदेन अस्वीकार नियमों को भी अपडेट किया गया है। अगर टोल रीडर से गुजरने के 15 मिनट बाद तक भुगतान होता है, तो फास्टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। ऐसे में जल्द से जल्द भुगतान करना जरूरी है। देरी से भुगतान करने पर ज्यादा पैसा देना पड़ सकता है।
पहले से कर लें रिचार्ज
पहले यूजर्स टोल बूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज कर सकते थे, लेकिन अब पहले से ही फास्टैग रिचार्ज कराना होगा। यात्रा शुरू करने से पहले ही फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करें। समय पर फास्टैग रिचार्ज कराएं और किसी भी समस्या के लिए अपने बैंक या फास्टैग सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें।
फास्टैग से बढ़ रहा लेनदेन
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में फास्टैग लेनदेन की संख्या 6 पर्सेंट बढ़कर 38.2 करोड़ हो गई, जो नवंबर में 35.9 करोड़ थी। फास्टैग लेनदेन का मूल्य भी 9 पर्सेंट बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये हो गया, जो नवंबर में 6,070 करोड़ रुपये था। ये आंकड़े फास्टैग की बढ़ती पॉपुलैरिटी दिखाते हैं। सरकार का मानना है कि इन नए नियमों से फास्टैग सिस्टम और भी बेहतर होगा।
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