इंदौर। प्राय: सभी लोग किसी ना किसी रूप में आलू और दही का सेवन करते हैं। ये दोनों ही अपने आप में पोषण से भरपूर हैं, लेकिन कुछ परिस्थितियों में इनका कॉम्बिनेशन नुकसानदायक हो सकता है। हालांकि हम में से बहुत से लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं और कई चीजों को एक साथ बिना किसी सही जानकारी के खा लेते हैं।
आयुर्वेद में फूड कॉम्बिनेशन को लेकर अलग से नियम हैं। रॉन्ग फूड कॉम्बिनेशन या विरुद्ध आहार पाचन अग्नि में गड़बड़ी, खराब पाचन और नाड़ियों में रुकावट पैदा कर सकता है। इससे आपको पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। जैसे दूध को फलों, खट्टे फलों और केले के साथ नहीं खाना चाहिए ठीक वैसे ही आलू और दही के कॉम्बिनेश को लेकर भी कुछ शंकाएं हैं।
आर्युवेद के अनुसार कफ बढ़ाता है
आयुर्वेद के अनुसार, आलू और दही का संयोजन तामसिक (भारी) और कफकारी माना जाता है। यह पाचन तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है और शरीर में टॉक्सिन्स के निर्माण का कारण बन सकता है।
कफ दोष वाले लोगों के लिए आलू और दही का संयोजन बहुत ज्यादा कफ और बलगम का कारण बन सकता है, जिससे सर्दी, खांसी और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिनकी पाचन शक्ति कमजोर होती है, उनके लिए यह संयोजन पाचन समस्याएं, गैस, अपच और भारीपन का कारण बन सकता है। दही में लैक्टोज होता है और आलू में स्टार्च, जो मिलकर पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकते हैं। लैक्टोज इंटोलरेंस वाले लोगों को इस कॉम्बिनेशन से पेट दर्द, गैस और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए भी यह कॉम्बिनेशन हानिकारक हो सकता है। यह वजन घटाने की प्रक्रिया में भी बाधा डालता है।
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