नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने पैन 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। सरकार इस प्रोजेक्ट पर 1435 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है। सरकार के इस फैसले के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठने लगे हैं कि यह कार्ड कैसे बनेगा, इस पर कितना खर्च आएगा?
उल्लेखनीय है कि पैन .0 प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला कार्ड पुराने कार्ड का अपग्रेटेड वर्जन है। यह पैन क्यूआर कोड वाला होगा और इसे बनवाने के लिए आपको अलग से कोई राशि नहीं खर्च करनी है। नया पैन ऑनलाइन प्रोसेस के जरिए बिल्कुल मुफ्त बनाया जाएगा। सोमवार की रात केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह एक एकीकृत पोर्टल होगा। यह पूरी तरह से कागज रहित और ऑनलाइन होगा। इसमें शिकायत निवारण प्रणाली पर जोर दिया जाएगा। यदि आपके पास पहले से पैन कार्ड है तो उसे बदलने की आवश्यकता नहीं है। पुराना नंबर ही वैलिड होगा लेकिन नया पैन कार्ड बनवाना होगा। वैष्णव का कहना है कि नए पैन कार्ड में क्यूआर कोड जैसी विशेषताएं होंगी। पैन का अपग्रेडेशन नि:शुल्क होगा। इसके लिए पैन कार्ड धारक को कुछ भी पैसे नहीं देने होंगे। नया पैन कार्ड आपके पास फ्री ऑफ कॉस्ट डिलीवर होगा। अपग्रेडेड पैन में डाटा बिल्कुल सुरक्षित होगा। इसके लिए पैन डाटा वाल्ट सिस्टम बनाया जा रहा है।
पैन कार्ड का आखिर क्या इस्तेमाल
पैन 10 अंकों का एक ऐसा नंबर होता है जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी किया जाता है। सभी के लिए यह जरूरी है। ये ना सिर्फ पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल होते हैं बल्कि इनका उपयोग वित्तीय मामलों में भी होता है। बैंक अकाउंट खोलने से लेकर प्रापर्टी की खरीददारी आदि तक में इसकी जरूरत पड़ती है।
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