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एआई का बाप साबित होगा क्वांटम-एनलार्ज्ड एआई, अपार कंप्यूटिंग शक्ति से लैस, बदलते भविष्य की तस्वीर

क्वांटम-एनलार्ज्ड एआई तकनीक से एक नए युग का होगा सूत्रपात

Article By :
राजकुमार जैन, कंप्यूटर विशेषज्ञ इंजीनियर

जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई तकनीकें विकसित होंगी हम, मानव जीवन को प्रभावित करने वाली उन समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होंगे जो पहले अबूझ मानी जाती थीं।

अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से विकसित हो रहा है जिसके चलते विज्ञान कथा और वास्तविकता के मध्य दिखाई पड़ने वाला अंतर धुंधला रहा है। तकनीक का उद्भव वैश्विक औद्योगिक परिदृश्य और जीवन शैली को हैरतअंगेज तीव्रता से बदल रहा है। ऐसे में क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई का संयोजन - क्वांटम-एनलार्ज्ड एआई (क्यूएआई) - नवाचार के एक ऐसे प्रकाश स्तंभ के रूप में उभर रहा है जो पहले नामुमकिन मानी जाने वाले समस्याओं के समाधान के लिए उद्यत है।

क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके जानकारी को अविश्वसनीय गति से संसाधित करती है, यह तकनीक पारंपरिक कंप्यूटरों से मौलिक रूप से अलग है। पारंपरिक बिट्स प्रणाली में प्रत्येक बिट का मान या तो शून्य या एक हो सकता है। जैसे एक लाइट बल्ब जो या तो बुझा होता है या जगमग होता है, जिसे विद्युत संकेत की अनुपस्थिति या उपस्थिति द्वारा दर्शाया जाता है। लेकिन क्वांटम कंप्यूटिंग के क्यूबिट में इलेक्ट्रॉन या फोटॉन जैसे उप-परमाणु कणों का उपयोग किया जाता है। इन क्यूबिट्स में अवस्थाओं के रैखिक संयोजन यानि सुपरपोजिशन के माध्यम से एक साथ कई अवस्थाओं में रहने की अनूठी क्षमता होती है। यह विशेषता क्वांटम कंप्यूटरों को समानांतर रूप से बहुत अधिक मात्रा में जानकारी संभालने की दक्षता देती है। इस विशेषता से वो अपार कंप्यूटिंग शक्ति हासिल होती है जो इन्हें बेजोड़ प्रसंस्करण क्षमता और दक्षता प्रदान करती है। 

क्यूबिट के कई अलग-अलग भौतिक कार्यान्वयन संभव हैं। जैसे एक फोटॉन का ध्रुवीकरण, एक आयन के दो असतत ऊर्जा स्तर, एक सुपरकंडक्टिंग ट्रांसमोन क्यूबिट, एक परमाणु की परमाणु स्पिन अवस्थाएँ या एक इलेक्ट्रॉन की स्पिन अवस्थाएँ। सुपरकंडक्टिंग सर्किट शायद क्वांटम कंप्यूटर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले क्यूबिट हैं। सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट ऐसी सामग्रियों से बनाए जाते हैं जो बिना किसी प्रतिरोध के बहुत कम तापमान पर बिजली का संचालन करते हैं। ट्रैप्ड आयन क्यूबिट में वैक्यूम चैंबर के भीतर विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग करके आवेशित परमाणुओं (आयनों) में हेरफेर करना शामिल है। क्यूबिट को आयनों की इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाओं द्वारा दर्शाया जाता है , जिसे लेजर से नियंत्रित और मापा जा सकता है।

यह क्यूबिट आपस में श्रंखलाबद्ध हो सकते हैं, इससे उस जानकारी की जटिलता में तेजी से वृद्धि होती है जिसे अपेक्षाकृत कम संख्या में क्यूबिट के साथ दर्शाया और संसाधित किया जा सकता है। यह विशेषता क्वांटम कंप्यूटर को पारंपरिक कंप्यूटर से कहीं अधिक शक्तिशाली बनाता है। श्रंखलाबद्ध क्वांटम संरचना, क्यूबिट्स को इस तरह से जोड़ती है कि चाहे जितनी भी दूरी हो एक की अवस्था दूसरे की अवस्था को तुरंत प्रभावित करती है। यह गुण क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए महत्वपूर्ण है, जो परंपरागत प्रणालियों में अप्राप्य समानांतरता और अंतर्संबंध को सक्षम बनाता है।

एक तरफ जहां पारंपरिक एआई मॉडल विशाल डेटासेट और उच्च-आयामी समस्याओं के परिणाम शीघ्र हासिल करने के लिए लंबे समय तक गणना करते नजर आते हैं तो दूसरी तरफ क्वांटम एल्गोरिदम, जैसे कि क्वांटम सपोर्ट वेक्टर मशीन और क्वांटम न्यूरल नेटवर्क, इन डेटासेट को अधिक तीव्रता और कुशलता से प्रोसेस करने में सक्षम नजर आते हैं, जो पैटर्न रिकग्निशन, ऑप्टिमाइजेशन और एनोमली डिटेक्शन के क्षेत्र में क्रांति लाने की संभावना रखते हैं।

मशीन लर्निंग के ऐसे अनुप्रयोगों जैसे आणविक मॉडलिंग, क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा, तथा एआई में अनुकूलन आदि जिनमें बड़े बड़े डेटासेट का उपयोग होता है, उनके विश्लेषण में क्वांटम एआई विशेष रूप से उपयोगी है। क्वांटम एआई बड़े डेटासेट का उपयोग करके छवि और आवाज़ पहचान के लिए न्यूरल नेटवर्क को प्रचलित एआई के लिए लगने वाले समय के एक अंश मात्र में प्रशिक्षित कर सकता है, जिससे पहले से अधिक सटीक परिणाम हासिल करना संभव होता है।

जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई तकनीकें विकसित होंगी हम, मानव जीवन को प्रभावित करने वाली उन समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होंगे जो पहले अबूझ मानी जाती थीं। क्यूएआई के संभावित अनुप्रयोगों में शामिल हैं, व्यक्तिगत चिकित्सा में क्रांति लाना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझना साइबर सुरक्षा में सुधार करना, आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस विकसित करना।

वर्तमान में, दवा की खोज एक महंगा और समय लेने वाला प्रयास है, जिसमें एक दवा को प्रयोगशाला से फार्मेसी तक लाने में औसतन 12 साल और 2 बिलियन डॉलर से अधिक का खर्चा लगता है। क्यूएआई औषधि खोज में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। दवा की खोज में, वैज्ञानिक सिमुलेशन का उपयोग यह बेहतर ढंग से समझने के लिए करते हैं कि प्रोटीन जैसे कुछ जैव अणु संभावित दवा के किसी नए यौगिक के साथ किस तरह परस्पर क्रिया करते हैं। क्वांटम कंप्यूटिंग किसी पूर्व उपलब्ध जानकारी के बिना भी बड़े अणुओं और यौगिकों की परस्पर क्रियाओं को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में अधिक तेज़ी और सटीकता से सिम्युलेट कर सकता है जिससे दवा विकास के समय और लागत को काफी हद तक कम किया जा सकता है। व्यक्तिगत चिकित्सा में, क्यूएआई विशाल जेनेटिक और क्लिनिकल डेटा को विश्लेषित कर सकता है ताकि रोगियों के लिए व्यक्तिगत उपचार तैयार किए जा सकें, उनकी प्रभावशीलता में सुधार हो और दुष्प्रभाव कम हों।

क्वांटम-एनलार्ज्ड एआई एक क्रांतिकारी तकनीक है जो  दो परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के अभिसरण को दर्शाता है। क्वांटम कंप्यूटिंग के अनूठे सिद्धांत, जैसे सुपरपोजिशन और एंटैंगलमेंट, कम्प्यूटेशन के लिए मौलिक रूप से एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। क्वांटम हार्डवेयर, त्रुटि सुधार और एल्गोरिदम विकास में चल रही प्रगति से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में नई सीमाओं के खुलने की उम्मीद है। जैसे-जैसे यह क्षेत्र विकसित होता है, क्वांटम एआई कम्प्यूटेशन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उससे परे अभूतपूर्व संभावनाओं को पेश कर सकता है। यह एक नए युग का सूत्रपात होगा

- राजकुमार जैन, कंप्यूटर विशेषज्ञ इंजीनियर

 

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