नई दिल्ली। केंद्र सरकार मोबाइल चार्जिंग के नियम में बदलाव करने जा रही है। सरकार के इस तरह के बदलाव का सीधा असर मोबाइल यूजर्स पर पड़ेगा। साथ ही स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों पर सरकार के नए नियम का असर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा। रिपोर्ट की मानें, तो केंद्र सरकार कॉमन चार्जिंग नियम को लागू करने जा रही है। इससे एक देश में केवल एक तरह के चार्जर की बिक्री होगी। ऐसे में लैपटॉप, टैबलेट और मोबाइल फोन के लिए अलग-अलग चार्जर की जरूरत नहीं होगी।
रिपोर्ट की मानें, तो सरकार टाइप-सी चार्जर को स्टैंडर्ड चार्जर मान सकती है। ऐसे में देश में बिकने वाले सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट और स्मार्ट वॉच में टाइप सी चार्जिंग पोर्ट दिया जा सकता है। सरकार टाइप सी चार्जिंग को अनिवार्य बना सकती है। बता दें कि भारत से पहले यूरोपियन यूनियन की ओर से टाइप सी चार्जिंग को अनिवार्य बना दिया गया है। इस नियम को यूरोपियन यूनियन ने साल 2022 में लागू किया था। हालांकि भारत में इस तरह का नियम मौजूद नहीं है। हालांकि इस साल के आखिर तक कॉमन टाइप सी चार्जिंग के नियम को अनिवार्य बना सकती है।
क्या होगा फायदा?
इसका फायदा सभी मोबाइल फोन यूजर को होगा, क्योंकि उन्हें अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग चार्जर नहीं ढूढ़ना पड़ेगा। साथ ही पर्यावरण के लिहाज से नया नियम फायदेमंद होगा। टाइप सी चार्जिंग को अनिवार्य करने पर ई-वेस्ट को बढ़ने से रोका जाएगा। मोबाइल यूजर को कम चार्जर की जरूरत होगी। ऐसे में मोबाइल यूजर का पैसा बचेगा।
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