नई दिल्ली। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाली जीएसटी को हटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा था। इसमें लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से बाहर करने की बात कही गई थी। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी ऐसी ही मांग की थी। बताया जा रहा है कि सरकार इस पर गंभीरता से चर्चा कर रही है। संभव 9 सितंबर को होनेवाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर कोई फैसला हो जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिटमेंट कमेटी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर पूरी तरह जीएसटी छूट दिये जाने के पक्ष में नहीं है। कमेटी की तरफ से जीएसटी में छूट देने से रेवेन्यू पर होने वाले असर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वर्तमान में इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह बहुत ज्यादा है, वहीं इंडस्ट्री की मांग है कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे से बाहर लाया जाए या फिर 5% का न्यूनतम टैक्स लगाया जाए। अब देखना है कि 9 सितंबर को क्या फैसला होता है।
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