चीन में वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के कोरोनावायरस HKU5-CoV-2 की खोज की है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। यह वायरस भी SARS-CoV-2 की तरह चमगादड़ों में पाया गया है और संक्रमण फैलाने के लिए मानव रिसेप्टर ACE2 का उपयोग करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह वायरस मेरबेकोवायरस सबजेनस से संबंधित है, जिससे पहले MERS-CoV जुड़ा था। जर्नल Cell में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वायरस श्वसन तंत्र और आंतों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह इंसानों में कितना प्रभावी होगा।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम का कहना है कि वैश्विक आबादी अब सार्स और मर्स वायरस के प्रति अधिक प्रतिरक्षित हो चुकी है, जिससे HKU5-CoV-2 के कारण महामारी का जोखिम फिलहाल कम है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वायरस की प्रकृति को और गहराई से समझने की जरूरत है।
भले ही यह वायरस अभी कोई बड़ी चिंता का कारण न बने, लेकिन निगरानी और सतर्कता बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित खतरे को टाला जा सके।
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