मंगल पर पड़ रही है वक्री शनि की दृष्टि
इंदौर। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह एक निश्चित समयावधि में राशि बदलते हैं, लेकिन नवग्रहों में शनि को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। इसका कारण यह है कि शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, जोकि लगभग ढाई वर्ष तक एक ही राशि में रहते हैं। इसलिए शनि देव का शुभ-अशुभ प्रभाव भी किसी राशि में सबसे अधिक समय तक रहता है।
बात करें ग्रह-गोचर की तो मंगल का गोचर 01 जून को मेष राशि में हुआ है। यहां मंगल देव 12 जुलाई तक विराजमान रहेंगे, वहीं शनि 29 जून 2024 को कुंभ राशि में वक्री हुए हैं। ऐसे में कुंभ राशि पर विराजमान वक्री शनि की तीसरी दृष्टि मंगल पर पड़ रही है।
शनि की तीसरी दृष्टि को सबसे खतरनाक माना जाता है। शनि की तीसरी दृष्टि का अशुभ प्रभाव 12 जुलाई 2024 तक मंगल पर पड़ेगा और इसका असर कुछ राशियों के जीवन पर भी देखने को मिलेगा।
कन्या राशि - मंगल पर पड़ने वाली शनि की तीसरी दृष्टि का नकारात्मक प्रभाव कन्या राशि वालों के जीवन पर पड़ सकता है। ऐसे में 12 जुलाई तक आपको फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा। इस दौरान आप आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करेंगे। साथ ही धन हानि भी हो सकती है। वैवाहिक और प्रेम जीवन के लिए भी समय थोड़ा प्रतिकूल रहेगा।
वृश्चिक राशि- इस राशि के जातकों को भी 12 जुलाई तक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि आपके जीवन पर भी मंगल पर शनि की इस दृष्टि का अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। इस समय आपके हाथ से कई बेहतर अवसर जा सकते हैं। खासकर नौकरी-व्यवसाय के लिए समय प्रतिकूल रहने वाला है।
मकर राशि-मकर राशि वाले लोगों के जीवन में भी मंगल पर पड़ने वाली शनि की तीसरी दृष्टि का अशुभ परिणाम देखने को मिलेगा। इस समय खर्चों की अधिकता रहेगी और संबंध खराब हो सकते हैं। छोटी-मोटी परेशानियां या विवाद बड़े रूप ले सकते है। इसलिए आपको बहुत संभलकर रहने की जरूरत है।
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