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आषाढ़ मासिक शिवरात्रि पर भद्रावास योग, व्रत और पूजा से प्राप्त होंगे कई गुणा फल

सभी प्रकार के सुखों की होती है प्राप्ति

5 जुलाई को आएगी मासिक शिवरात्रि

इंदौर। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है. हरेक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महादेव की पूजा के लिए समर्पित होती है। इस दिन मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस उपवास से महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है और लड़कियों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने भक्तों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई योगों का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा कई गुणा ज्यादा फलदाई होती है।

चार जुलाई को है व्रत

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 4 जुलाई की प्रात: 5 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 5 जुलाई को प्रात: 5 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत 4 जुलाई गुरुवार को रखा जाएगा।

कई खास योग

ज्योतिषियों के अनुसारआषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ भद्रावास का योग निर्माण हो रहा है। भ्रदावास योग का निर्माण प्रात: 5 बजकर 54 मिनट से होगा और संध्या 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस समय में भगवान शिव की पूजा बहुत फलदाई होगी।

आषाढ़ माह के मासिक शिवरात्रि पर वृद्धि योग भी बन रहा है. यह योग सुबह 7 बजे से लेकर अगले दिन 5 जुलाई को 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।  इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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