नई दिल्ली। केरल के वायनाड में आई प्राकृतिक आपदा के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मुझे यह बोलते हुए बड़ा दुख हो रहा है कि यही वह दुर्भाग्यशाली लोग हैं। इसके बारे में छह साल पहले बताया गया था कि बाढ़ और भूस्खलन होने जैसी आशंका के चलते यह रिस्क में है। 2020 में भी रिपोर्ट दी गई थी। आईआईटी दिल्ली ने इसी साइट के लिए रिपोर्ट दी थी। कहा गया था कि यहां जो अनधिकृत लोग रहते हैं। उन्हें किसी भी स्कीम के तहत हटाया जाए। बताया गया था कि चार हजार परिवारों को हटाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां तक भी बताया गया था कि यह कौन से चार हजार परिवार और कौन सी जगह से हैं, जिन्हें हटाना है। लेकिन इन्हें नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो भी सूचना भेजता है। राज्य सरकारों को चाहिए कि आपदा आने से पहले उन पर अमल करे। कई राज्यों ने ऐसा किया भी। गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार इसमें कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बचाव के लिए भारत सरकार का हर वर्टिकल वहां मौजूद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कंट्रोल रूम से सीधी जानकारी ले रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुद मैं हरदम केरल के बारे में जानकारी ले रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय चार घंटे कंट्रोल रूम में बैठ रहे हैं। शाह ने लोकसभा में कहा कि यह समय वायनाड की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़े होने का है। इसके लिए मोदी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने सदन को बताया कि वह आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक लाएंगे।
2014 से लगा है अर्ली वार्निंग सिस्टम
उन्होंने कहा कि रही बात देश के 'अर्ली वार्निंग सिस्टम' पर सदस्यों के सवालों की। इसके जवाब में शाह ने कहा कि 2014 के बाद से भारत में दुनिया के सबसे आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाए गए हैं। दुनिया में 90 फीसदी से अधिक देश ऐसे हैं। जो केवल तीन दिन पहले का ही आकलन कर पाते हैं। लेकिन भारत उन चार-पांच देशों में शामिल है जो भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन, साइक्लोन, कोल्ड वेव, सूनामी, बिजली और भूकंप (जितना संभव
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