नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार ताल ठोंककर अखाड़े में उतरने का फैसला कर लिया है। शुक्रवार को पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल हो गए। दोनों की सीटें भी तय हो गई हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस इन पहलवानों के दम पर भाजपा को चित करने में कितना सफल होती है।
उल्लेखनीय है कि विनेश और बजरंग पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे थे। हाल ही में पेरिस ओलंपिक में पदक से वंचित विनेश के साथ हरियाणा ही नहीं पूरे देश की सहानुभूति है। पदक ना मिलने के बाद भी पूरे देश में भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश हुई थी। कांग्रेस इन मुद्दों को भाजपा के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है।
भाजपा छोड़ सभी हमारे साथ-विनेश
कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट ने कहा कि बुरे समय में ही पता चलता है- अपना कौन है। जब हमें सड़क पर घसीटा जा रहा था, तो भाजपा को छोड़ आप सभी हमारे साथ थे। आप हमारे दर्द और आंसुओं को समझ पा रहे थे। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसी विचारधारा से जुड़ी हूं, जो महिलाओं पर हो रहे अन्याय के खिलाफ खड़ी है।
अन्याय के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे-बजरंग
हम अन्याय के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे और हर संघर्ष में कांग्रेस के साथ खड़े रहेंगे। हमने महिला पहलवानों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ भाजपा की महिला सांसदों को पत्र लिखा था, लेकिन कोई हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। कांग्रेस हर मोड़ पर हमारे साथ खड़ी रही।
किसानों, खिलाड़ियों व जाटों पर है नजर
दोनों पहलवान जाट समुदाय से हैं। हरियाणा के किसानों में बड़ी संख्या जाटों की है और यह समुदाय न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भाजपा के विरोध में है। फोगाट और पुनिया को पार्टी में शामिल करके पार्टी जाट वोटों को मजबूत करने के अलावा महिलाओं, खिलाड़ियों, किसानों और युवाओं के बीच अपना समर्थन आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव में भी किसान आंदोलन और पहलवानों के मुद्दे का असर दिखा था। एनडीए और कांग्रेस दोनों को 5-5 सीटों पर जीत मिली थी।
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