अकाली दल वारिस पंजाब दे" पार्टी की घोषणा, जेल में बंद अमृतपाल बने अध्यक्ष
मुक्तसर के माघी मेले में खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की नई पार्टी "अकाली दल वारिस पंजाब दे" की घोषणा की गई।
- Published On :
15-Jan-2025
(Updated On : 15-Jan-2025 09:23 am )
अकाली दल वारिस पंजाब दे" पार्टी की घोषणा, जेल में बंद अमृतपाल बने अध्यक्ष
मुक्तसर के माघी मेले में खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह की नई पार्टी "अकाली दल वारिस पंजाब दे" की घोषणा की गई। पार्टी का अध्यक्ष अमृतपाल सिंह को बनाया गया है, जो वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। यह घोषणा उनके पिता तरसेम सिंह और निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह ने की।

पार्टी का गठन और उद्देश्य:
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अमृतपाल के जेल में होने के कारण पार्टी के संचालन के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
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पार्टी नेता जसकरन सिंह ने केंद्र और पारंपरिक दलों, विशेष रूप से शिरोमणि अकाली दल (बादल) पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह दिल्ली की सोच के खिलाफ पंजाब और सिख समुदाय के हितों की लड़ाई है।
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जसकरन सिंह ने दावा किया कि "दिल्ली की सोच" पंजाब के पानी और संसाधनों को लूटने तथा सिख समुदाय को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
पार्टी का नाम:
चुनाव आयोग को तीन नामों का प्रस्ताव भेजा गया था, जिनमें से "अकाली दल वारिस पंजाब दे" नाम को मंजूरी दी गई।
अमृतपाल सिंह का राजनीतिक सफर:
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अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब लोकसभा सीट से 2024 का चुनाव लड़ा और 4,04,430 वोटों के साथ जीत दर्ज की।
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उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा थे, जिन्हें 2,07,310 वोट मिले।
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जेल में रहते हुए भी अमृतपाल ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखा।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी का विवरण:
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फरवरी 2023 में अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले और तोड़फोड़ की घटना के बाद अमृतपाल फरार हो गया था।
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पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल 2023 को उसे मोगा से गिरफ्तार किया और एनएसए के तहत मामला दर्ज कर उसे डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया।
पार्टी के भविष्य पर नजर:
"अकाली दल वारिस पंजाब दे" के गठन के साथ, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पंजाब की राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। अमृतपाल सिंह का जेल से पार्टी नेतृत्व करना और उनकी विचारधारा ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।
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