अमित शाह और शरद पवार के बीच बयानबाजी से सियासी गर्मी तेज, भाजपा ने किया पलटवार
गृहमंत्री अमित शाह और राकांपा (सपा) सुप्रीमो शरद पवार के बीच हालिया बयानबाजी ने महाराष्ट्र की सियासत को गर्मा दिया है।
- Published On :
16-Jan-2025
(Updated On : 16-Jan-2025 10:45 am )
अमित शाह और शरद पवार के बीच बयानबाजी से सियासी गर्मी तेज, भाजपा ने किया पलटवार
गृहमंत्री अमित शाह और राकांपा (सपा) सुप्रीमो शरद पवार के बीच हालिया बयानबाजी ने महाराष्ट्र की सियासत को गर्मा दिया है। शरद पवार द्वारा अमित शाह पर की गई "राज्य से निर्वासन" वाली टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पवार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान दाऊद इब्राहिम के करीबी उनके हेलीकॉप्टर में यात्रा करते थे। उन्होंने यह भी कहा कि जब पवार मुख्यमंत्री थे, तब मुंबई में दाऊद का दबदबा था। तावड़े ने आरोप लगाया कि शरद पवार गृहमंत्री अमित शाह के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।
अमित शाह का निर्वासन और पवार की टिप्पणी
तावड़े ने स्पष्ट किया कि अमित शाह को 2010 में गुजरात से इसलिए बाहर भेजा गया था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए ऐसा निर्देश दिया था। तावड़े ने कहा कि बाद में अदालत ने शाह को निर्दोष करार दिया।
इससे पहले शरद पवार ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था, "जब मैं 1978 में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, तो अमित शाह कहां थे? जब वे गुजरात में नहीं रह सकते थे, तब वे बालासाहेब ठाकरे की मदद मांगने आए थे।"
शाह का पलटवार
अमित शाह ने हाल ही में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए 1978 के संदर्भ में "धोखेबाजी की राजनीति" का जिक्र किया था। इसे शरद पवार पर निशाना माना गया। शाह ने कहा कि 1978 में धोखेबाजी की राजनीति की शुरुआत को भाजपा ने खत्म किया।
भाजपा का सवाल और पवार की भूमिका
भाजपा नेता तावड़े ने शरद पवार से सवाल किया कि अगर उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया होता, तो क्या उन्होंने वीर सावरकर के खिलाफ ऐसे बयान दिए होते। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं ने भी जेल का सामना किया और बाद में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने।
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