नई दिल्ली। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर पीएम नरेंद्र मोदी बिहार के जमुई में थे। वहां एक कार्यक्रम में शामिल होकर वे झारखंड सहित कई राज्यों के आदिवासी वोटों को साध गए। भाजपा ने रणनीति के तहत ही आज के आयोजन को भव्य बनाया। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने सराय काले खां चौराहे का नाम न केवल बिरसा मुंडा के नाम पर किया, बल्कि वहां प्रतिमा का लोकार्पण भी कर डाला।
बिहार में पीएम मोदी ने कहा कि आज आदिवासी समाज के लिए केंद्र की सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिसका उन्हें फायदा मिल रहा है। जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी पूजता है कहकर पीएम ने एक तीर से कई शिकार कर लिए हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मोदी का तीर अगर सही निशाने पर लग गया तो झारखंड का परिणाम भाजपा के पक्ष में हो सकता है। आदिवासी समाज में भगवान का दर्जा रखने वाले बिरसा मुंडा की जयंती पर पीएम मोदी ने पहले देवघर में रैली की, फिर बिहार के जमुई पहुंच कर विकास योजनाओं से आदिवासी वोट बैंक पर डोरे डाले।
आदिवासी समाज को नहीं मिला हक
पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज को देश के इतिहास में उनका हक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह अन्याय दूर करने की कोशिश हो रही है। आदिवासियों ने बहुत योगदान दिया है, लेकिन राजनीति की वजह से उन्हें भुला दिया गया। सिर्फ कांग्रेस को ही आजादी का श्रेय देना गलत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदिवासियों ने हमेशा देश की सेवा की है। उन्होंने भगवान राम को बनाया, आजादी की लड़ाई लड़ी और महान योद्धाओं का साथ दिया।
नीतीश कुमार ने कहा-अब एनडीए नहीं छोड़ेंगे
इस आयोजन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार का भाषण भी काफी चर्चा में है। प्रधानमंत्री मोदी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हम हमेशा के लिए इनके साथ रहेंगे। बीच में गलती हुई थी। हमारे कुछ लोगों ने गलती कर दी। तो इधर-उधर चले गए थे। भाजपा के साथ वे 1995 से हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने से वे साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि वह अब कहीं नहीं जाएंगे और एकजुट रहेंगे।
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