नई दिल्ली। लोकसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया है। कांग्रेस ने संविधान की मूल भावना को लहूलुहान कर दिया। जब देश संविधान के 25 बरस पूरे कर रहा था तो इसे नोंच लिया गया, देश में आपातकाल लगाया गया। देश को जेलखाना बना दिया गया। प्रेस पर ताला लगा दिया गया। दुनिया में जब जब लोकतंत्र की चर्चा होगी तब कांग्रेस के इस कलंक की चर्चा होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है। जब देश के संविधान 50 साल हुआ तब मुझे भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था। जब 60 साल हुआ तब हाथी पर संविधान की गौरवशाली यात्रा निकाली गई थी।
पंडित नेहरू की चिट्ठी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू ने 1951 में मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी कि अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने नेहरू पर अभिव्यक्ति की आजादी छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह पर गया कि कांग्रेस इसका बार बार शिकार करती रही। कांग्रेस इसकी मूल भावना को बार बार लहूलूहान करती रही। जो बीज देश के पहले पीएम ने बोया था, उसे खाद पानी देने का काम इंदिरा गांधी ने किया। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया और संविधान में संशोधन करके इसे पलट दिया गया। अदालत के सारे अधिकारों को छीन लिया गया था। इस काम को अंजाम इंदिरा गांधी ने दिया था।
राजीव गांधी ने भी दिया संविधान को झटका
पीएम मोदी ने कहा कि जो परंपरा नेहरू जी ने शुरू की, जिसको इंदिरा जी ने आगे बढ़ाया। राजीव गांधी ने संविधान को एक और गंभीर झटका दे दिया। समानता के भाव को चोट पहुंचाई। भारत की महिला को न्याय देने का काम संविधान की मर्यादा के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, लेकिन राजीव गांधी ने वोटबैंक की खातिर संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया और कट्टरपंथियों के आगे सिर झुका दिया।मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है। सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है। इतिहास में पहली बार संविधान को ऐसी गहरी चोट पहुंचा दी गई। नेशनल एडवाइजरी काउंसिल को पीएमओ के ऊपर बैठा दिया गया।
राहुल ने कैबिनेट के फैसले को फाड़ा
पीएम मोदी ने राहुल गांधी को अहंकारी बताते हुए कहा कि एक अहंकारी व्यक्ति ने कैबिनेट के फैसले को फाड़ा और कैबिनेट ने अपना फैसला बदल दिया था। एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के निर्णय को फाड़ दे और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे ये कौन-सी व्यवस्था है। कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की है। पीएम ने कहा कि में वही कह रहा हूं जो संविधान के साथ अब तक हुआ है।
कांग्रेस ने आरक्षण का विरोध किया
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है। इतिहास कह रहा है कि
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