नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर टिप्पणी को लेकर भाजपा ने सांसद सोनिया गांधी और पप्पू यादव को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है। भाजपा के 40 सांसदों ने इस नोटिस का समर्थन किया है। नोटिस में भाजपा सांसदों ने लिखा है कि हम सोनिया गांधी के द्वारा हाल ही में कई गईं कुछ असंसदीय, अपमानजनक टिप्पणियों के बारे में बहुत निराशा के साथ यह लिख रहे हैं। सोनिया गांधी की राष्ट्रपति के खिलाफ टिप्पणी पर गंभीरता से विचार करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जरूरत है।
भाजपा सांसदों ने सोनिया गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि हम गहरी चिंता के साथ इस बयान को उजागर करते हैं। यह हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकार, भारत के राष्ट्रपति के कद और गरिमा को अपमानित करता प्रतीत होता है। ऐसी टिप्पणियां न सिर्फ राष्ट्रपति दफ्तर की गरिमा को कमजोर करती है, बल्कि संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं की पवित्रता का भी उल्लंघन करती हैं।
लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति को ज्ञापन
वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर टिप्पणी के लिए सोनिया गांधी और पप्पू यादव के खिलाफ संसदीय विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने वाले भाजपा सांसदों पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस देश के आदिवासी सांसदों ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने आज लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना ज्ञापन सौंपा है। लोकसभा में पप्पू यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को 'प्रेम पत्र' कहा, हमारे आदिवासी सांसदों ने इस पर बहुत कड़ी आपत्ति जताई और अध्यक्ष को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बाद में राज्यसभा के सभापति को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के लिए 'बेचारी महिला' और 'थकी हुई' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। राज्यसभा के सभापति ने धैर्यपूर्वक सुना और अपनी टिप्पणी दी...उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से लिया।
सोनिया गांधी और पप्पू यादव ने क्या कहा था
राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद सोनिया गांधी ने इस पर अपनी टिप्पणी दी थी। उन्होंने संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा था-पुअर लेडी, वे बहुत थक गई थीं. बेचारी मुश्किल में बोल पा रही थीं। दूसरी तरफ पप्पू यादव ने कहा था कि राष्ट्रपति सिर्फ एक स्टांप हैं। उन्हें सिर्फ लव लेटर पढ़ना है। भाजपा ने दोनों नेताओं के बयानों पर आपत्ति जताई थी।
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