नई दिल्ली। राज्यसभा के स्पीकर जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। इस अविश्वास प्रस्ताव में कुल 71 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इन सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा कहे जाने वाली टीएमसी ने सदन से वॉकआउट कर दिया है। ममता बनर्जी की पार्टी की तरफ से इसपर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि अंक गणत की बात करें तो विपक्ष के पास उतने नंबर नहीं हैं कि वह धनखड़ को उनके पद से हटा दे।
उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच टकराव सोमवार को चरम पर पहुंच गया था। इस टकराव के बाद विपक्ष ने धनखड़ को उनके कार्यकाल से हटाने के लिए एक अविश्वास प्रस्ताव लाने फैसला किया। इससे पहले अगस्त में भी विपक्षी गठबंधन को प्रस्ताव पेश करने के लिए नेताओं के हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन उस समय वे आगे नहीं बढ़े। उन्होंने राज्यसभा के सभापति को एक मौका देने का फैसला किया, लेकिन सोमवार को उनके व्यवहार को देखते हुए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया। इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए विपक्ष को 50 सांसदों के हस्ताक्षर की जरूरत थी। विपक्षी नेताओं का कहना है कि उन्होंने 71 सांसदों से सोमवार को ही हस्ताक्षर करा लिए थे। यह राज्यसभा के किसी सभापति के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव है। उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए किसी भी सदन के सदस्यों का कम से कम 14 दिन का लिखित नोटिस देना अनिवार्य है। इस नोटिस में उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए स्पष्ट कारण होने चाहिए।
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