कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर एक विवादित बयान दिया है। मंगलवार को ममता ने कहा कि महाकुंभ अब महाकुंभ नहीं बल्कि मृत्युकुंभ में बदल गया है। वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता ने कहा कि महाकुंभ के लिए कोई प्लानिंग नहीं की गई है। भगदड़ में कई लोग मारे गए लेकिन कितने उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा है। कई लोग मिले ही नहीं। महाकुंभ में अमीरों और वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपए तक के टेंट मौजूद हैं। गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। मेले में भगदड़ की स्थिति आम है, लेकिन व्यवस्था करना जरूरी है। आपने (यूपी सरकार) क्या योजना बनाई है?
राज्यपाल पर भी साधा निशाना
वहीं ममता ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब सांप्रदायिकता के बारे में बोलना या किसी धर्म के खिलाफ भड़काना नहीं है। आप एक विशेष धर्म को बेच रहे हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के भाषण पर राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारत में कई राज्य हैं। वहां भी डबल इंजन वाली सरकार है, लेकिन पश्चिम बंगाल में हमने विपक्ष को बोलने के लिए 50% समय दिया है। उन्होंने सदन में कागज फेंके हैं। भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) मेरे खिलाफ एकजुट हैं। उन्होंने मुझे अपना भाषण देने नहीं दिया।
राजनीतिक हितों के लिए धर्म का इस्तेमाल
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सदन में दावा किया कि भाजपा विधायक अफवाह फैला रहे हैं कि उन्हें बंगाल विधानसभा में बोलने की इजाजत नहीं है। मैं प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत करूंगी कि उनके विधायक मुझ पर बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। अगर भाजपा यह साबित कर दे कि मेरा बांग्लादेशी कट्टरपंथियों से संबंध है तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।
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