नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सांसद राहुल गांधी ने मोहन भागवत के संविधान पर दिए गए बयान पर जमकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने जो बयान दिया वह संविधान पर सीधा हमला था। उन्होंने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है जो कि बिल्कुल गलत है। राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान को देशद्रोह करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि इसके साथ ही भागवत ने ये भी कहा कि पंजाब, कश्मीर और उत्तर-पूर्व में हजारों हमारे कार्यकर्ताओं की जान गई जो न केवल संविधान का बल्कि हमारे मूल्यों का भी उल्लंघन करता है।भारत का दृष्टिकोण पश्चिमी विचारधारा से बिल्कुल अलग है जो स्वयं को समझने पर केंद्रित है, जबकि पश्चिम बाहरी दुनिया पर ध्यान केंद्रित करता है। राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत के पास ये हिम्मत है कि वह हर 2-3 दिन में ये बताएं कि वह स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उनका कहना कि संविधान और स्वतंत्रता संग्राम अवैध थे। ये एक बहुत बड़ा अपराध है। ऐसा कहना हमारे देश की स्वतंत्रता और हर भारतीय का अपमान है। अगर ये बयान किसी और देश में दिया जाता तो भागवत को गिरफ्तार कर न्यायिक कार्रवाई की जाती। उन्होंने आगे कहा क ये समय है कि हम इस तरह की बकवास को रोकें।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा संविधान और इसके मूल्यों के लिए खड़ी रही है। उन्होंने ये बताया कि इस पार्टी का दृष्टिकोण संविधान को लेकर साफ है और हम इसके मूल्यों का पालन करते हुए देश की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण, संविधान का दृष्टिकोण यह एक विचारधारा है ,जिसे हम हमेशा मानते आए हैं और आगे भी बनाए रखेंगे। राहुल ने कांग्रेस पार्टी के बारे में कहा कि वह हमेशा संविधान के रास्ते पर चलती है और ये पार्टी उस दिशा में अपने कामों को आगे बढ़ाती है।
आरएसएस प्रमुख ने आखिर क्या कहा था?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी।
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