भोपाल। भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची अब भोपाल और दिल्ली के बीच अटक गई है। भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की अहम की लड़ाई में सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। कई जिलों के नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा दिल्ली के भरोसे इस सूची की उलझनें सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों दिल्ली रवाना हो गए हैं और वहां प्रदेश संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक सरोज पांडेय, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश के साथ चर्चा कर जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप देंगे।
उल्लेखनीय है कि सागर, ग्वालियर, इंदौर, रीवा सहित कई जिलों में दिग्गज नेता अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने पर अड़े हुए हैं। दो बडे़ जिलों सागर और धार में बीजेपी दो-दो जिलाध्यक्ष बनाने की तैयारी में हैं। सागर में जिलाध्यक्ष को लेकर दिग्गजों के बीच खींचतान मची हुई है। भूपेन्द्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, गोपाल भार्गव, शैलेन्द्र जैन अपने-अपने करीबियों को जिलाध्यक्ष बनवाने की कोशिश में हैंसागर में रहली, देवरी और बंडा विधानसभा को मिलाकर एक जिला बनाया जाएगा। सुरखी, सागर, खुरई, बीना, नरयावली को मिलाकर एक जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। इसी तर्ज पर धार में भी दो जिले बनाने की तैयारी चल रही है। ग्वालियर, इंदौर, रीवा, निवाड़ी, सिंगरौली में भी स्थानीय नेताओं के झगड़े में नाम तय नहीं हो पा रहा है।
पहले 40 से अधिक नामों पर सहमति की थी खबर
सूत्र बताते हैं कि लगभग 40 से ज्यादा नामों पर सहमति बन गई थी, लेकिन कुछ बड़े जिलों में वरिष्ठ नेताओं के चलते मामला अटक गया। सोमवार को देर रात तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन चलता रहा। सीएम मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद समेत संगठन चुनाव से जुड़ी टीम काफी देर तक चर्चा करती रही। कल देर रात तक चली बैठक के बाद जिन जिलों में सिंगल नामों पर सहमति बन चुकी थी, वहां के नाम मंगलवार रात तक घोषित किए जाने थे, लेकिन कुछ जिलों के नेताओं की अड़ियलबाजी से यह सूची भी फाइनल नहीं हो पाई।
इन जिलों में ज्यादा फंसा है पेंच
सूत्र बताते हैं कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रभाव वाले इंदौर और मंत्री राकेश सिंह के प्रभाव वाले जबलपुर में सहमति नहीं बन पा रही है। इसी तरह सागर जिले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अलावा सीनियर विधायक गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह के बीच मामला उलझ गया है। ग्वालियर में ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के समर्थकों के बीच तानतनी है। भोपाल में भी कोई सहमति नहीं बन पा रही। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के गृह जिले नरसिंहपुर का भी यही हाल है।
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