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राज्यसभा में जेपी नड्डा का कांग्रेस पर हमला, कहा-कुर्सी खतरे में थी, इसलिए लगा दिया था आपातकाल

नड्‌डा ने कहा-संविधान में भी दिखती है कमल की छाप

नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्‌डा ने कांग्रेस पर जमकर वार किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल क्यों लगाया गया? क्या देश खतरे में था? नहीं, देश खतरे में नहीं था। कुर्सी खतरे में थी। यह केवल कुर्सी के बारे में था। इसके चलते पूरा देश अंधेरे में डूब गया।

जेपी नड्डा ने कहा कि आपातकाल लगाए जाने के अगले साल 50 साल हो जाएंगे। हम लोकतंत्र विरोधी दिवस मनाएंगे।  कांग्रेस को इसमें शामिल होना चाहिए और लोगों से कहना चाहिए कि आपातकाल के दौरान 50 वर्षों तक लोकतंत्र का गला घोंटने का कुटिल प्रयास किया गया था। अगर आपके दिल में उनके लिए कहीं भी दया है, अगर आपके दिल में कहीं भी पछतावा है, तो मैं आपसे अपील करता हूं कि आप 25 जून 2025 को लोकतंत्र विरोधी दिवस में जरूर शामिल हों।

संविधान पर दिखती है कमल की छाप
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई बार लोग यह महसूस करते हैं कि हम प्रगतिशील नहीं हैं। मैं उनका ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति में अजंता और एलोरा की गुफाओं की भी छाप थी। हम उस पर कमल की छाप भी देखते हैं। कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से बाहर आने और आजादी के लिए लड़ने के बाद, हम एक नई सुबह और नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं। इसलिए हमारा संविधान भी कमल से हमें यह प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

अनुच्छेद 370 के बहाने कांग्रेस पर निशाना

नड्‌डा ने कहा कि आजकल लोकतंत्र के बारे में बहुत चर्चा होती है, लेकिन आप राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से अनुच्छेद 370 में 35 लाते हैं और आप इस पर बहस भी नहीं करते हैं। अनुच्छेद 35 में यह परिभाषित किया गया है कि जम्मू और कश्मीर का नागरिक कौन होगा। केवल उन लोगों को नागरिक माना जाएगा जो 1944 से पहले रहते थे। एक काम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू

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