नई दिल्ली। दिल्ली में हार के बाद आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल क्या राज्यसभा में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं? यह सवाल दिल्ली विधानसभा परिणाम के बाद ही शुरू हो गई थी। हालांकि आप इससे लगातार इनकार कर रही है, लेकिन लुधियाना पश्चिम में होने वाले उपचुनाव में पार्टी द्वारा राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अटकलें और तेज हो गई हैं।
राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को विधानसभा उपचुनाव में उतारने के कदम से यह चर्चा तेज हो गई है कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल हाल ही में हुए चुनाव में उनकी हार के बाद उच्च सदन में उनकी जगह ले सकते हैं। आप ने आज सुबह ऐलान किया कि अरोड़ा लुधियाना पश्चिम सीट पर होने वाले उपचुनाव में लड़ेंगे, जो पिछले महीने आप विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद खाली हुई थी। संजीव अरोड़ा 2022 में पंजाब से राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल 2028 में खत्म होने वाला है, लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें संसद से इस्तीफा देना होगा। उस स्थिति में उनकी खाली सीट केजरीवाल को आवंटित की जा सकती है।
बाजवा ने पहले ही जताई थी आशंका
पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पहले ही बता दिया था कि अरविंद केजरीवाल संजीव अरोड़ा की जगह राज्यसभा जाएंगे और संजीव अरोड़ा को लुधियाना वेस्ट सीट से उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया जाएगा। आम आदमी पार्टी की और से प्रताप सिंह बाजवा के दावे का खंडन किया गया, हालांकि बुधवार को आप की ओर से लिस्ट जारी की गई प्रताप सिंह बाजवा का कथन सत्य साबित हुआ।
आम आदमी पार्टी ने किया इनकार
इस तरह की खबरों को पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रवक्ताओं और मंत्रियों ने खारिज कर दिया गया है। पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि यह सिर्फ अफवाह है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। आम आदमी पार्टी में इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।
फीडबैक के बाद नहीं उतरे मैदान में
कहा जा रहा है कि पहले अरविंद केजरीवाल गुरप्रीत गोगी की सीट से ही विधानसभा उप चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनकी पार्टी में ही इसका विरोध हुआ। पंजाब से फीडबैक मिला कि लुधियाना वेस्ट में दिल्ली से आए शख्स की जीत नहीं होगी। सीट पर कोई लोकल नेता ही चुनाव जीत सकता है। तमाम सियासी अटकलों के बीच अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में चुप्पी लगा रखी है।
Leave Comments