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हाथ में नहीं पॉवर तो चुनाव लड़ने से क्या मतलब ;महबूबा मुफ्ती ने  चुनाव लड़ने से खुद को किया अलग 

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है वे जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी

Article By :
Abhilash Shukla

abhilash shukla editor

हाथ में नहीं पॉवर तो चुनाव लड़ने से क्या मतलब ;महबूबा मुफ्ती ने  चुनाव लड़ने से खुद को किया अलग 

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती  ने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है वे  जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. वे खुद भले ही चुनाव ना लड़ें  मगर उनकी  उनकी पार्टी  जरुर चुनाव लड़ रही है.दरअसल ये पूरा मामला हाथ से पॉवर जाने का है उन्होंने  कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बन भी गईं तो भी  केंद्र शासित प्रदेश में अपनी पार्टी के एजेंडे को पूरा नहीं कर पाएंगी.

महबूबा मुफ्ती आगामी जम्मू-कश्मीर चुनाव नहीं लड़ेंगी, पार्टी का एजेंडा पूरा  करने में असमर्थता का हवाला दिया – इंडिया टीवी

महबूबा मुफ्ती  ने कहा, मैं बीजेपी के साथ सरकार की मुख्यमंत्री रही  जिसने 2016 में 12,000 लोगों के खिलाफ  एफआईआर वापस ले ली थी. क्या हम अब ऐसा कर सकते हैं

मैंने मोदी के साथ सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर अलगाववादियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखा था. क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं? मैंने जमीनी स्तर पर संघर्ष विराम करवाया. क्या आप आज ऐसा कर सकते हैं?

उन्होंने कहा, अगर आप मुख्यमंत्री के तौर पर एफआईआर वापस नहीं ले सकते तो ऐसे पद पर कोई क्या कर सकता है?

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस  के  उमर अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बने रहने तक चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.हालांकि, उन्होंने अब यू-टर्न ले लिया है. वे अब  चुनाव लड़ेंगे.

 

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