कोलकाता। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है। करीब चार साल बाद उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से नाता तोड़ा है। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2012 और 2014 में जंगीपुर से सांसद रहे अभिजीत मुखर्जी 2019 में लोकसभा चुनाव में हार गए थे। बता दें कि उनकी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी ने हाल में ही कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। अभिजीत मुखर्जी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने राहत की सांस ली है।
65 वर्षीय अभिजीत पश्चिम बंगाल कांग्रेस मुख्यालय बिधान भवन में राज्य प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली। दोबारा कांग्रेस जॉइन करने के बाद उन्होंने कहा कि वह एक सिपाही के रूप में पार्टी में शामिल हुए हैं और पार्टी नेतृत्व के निर्देशों के अनुसार ही काम करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी के कांग्रेस जॉइन करने से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
दो बार सांसद रह चुके हैं अभिजीत
अभिजीत मुखर्जी पेशे से एक इंजीनियर हैं। राजनीति में आने से पहले उन्होंने बड़ी कॉर्पोरेट फर्मों में काम किया। प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद अभिजीत 2012 के उपचुनाव में बंगाल के जंगीपुर से सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की लहर के बाद भी जीत मिली थी। मगर वह 2019 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खलीलुर रहमान से हार गए। यह उनके राजनीतिक जीवन का एक बड़ा मोड़ था। 2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
टीएमसी नहीं मिली थी कोई बड़ी जिम्मेदारी
टीएमसी में अभिजीत मुखर्जी संगठन या सरकार में कोई बड़ी भूमिका में नजर नहीं आए। मुखर्जी अपनी विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने 2012 में निर्भया कांड के बाद देश भर में हो रहे प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को डेंटेड एंड पेंटेड कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। हालांकि आलोचना के बाद उन्होंने सार्वजनिक तौर से माफी भी मांगी थी।
बहन शर्मिष्ठा कांग्रेस पर साधती रहती हैं निशाना
अभिजीत की बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी कांग्रेस पर लगातार हमले करती रहती हैं। मनमोहन सिंह के निधन के बाद जब शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला था। शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर प्रणब मुखर्जी के अपमान का आरोप लगाया था। उस समय अभिजीत ने पार्टी नेतृत्व का बचाव किया था। तभी से उनके कांग्रेस में लौटने के संकेत मिलने लगे थे।
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