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जीतू यादव और कमलेश कालरा को भाजपा नगर अध्यक्ष ने भेजा नोटिस, शीशे की तरह साफ मामले को धुंधला करने की कोशिश

भाजपा पार्षद कालरा ने जीतू यादव पर लगाया था घर पर हमला कराने का आरोप

इंदौर। महापौर परिषद के सदस्य जीतू यादव तथा वार्ड क्रमांक 65 के भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के बीच विवाद में भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने दोनों को नोटिस जारी किया है। दोनों से दो दिन में जवाब देने को कहा गया है। ताज्जुब की बात यह है कि इस मामले में शीशे की तरह सबकुछ साफ है, फिर भी इसे धुंधला दिखाने की कोशिश की जा रही है।

जीतू यादव के भेजे नोटिस में कहा गया है कि कमलेश कालरा ने शिकायत की है कि आपने उनके घर पर हमला कराया। कालरा ने कहा है कि जोन के एक कर्मचारी ने खुद को आपका रिश्तेदार बताकर दुर्व्यवहार किया गया। बाद में जोन के भवन अधिकारी द्वारा उक्त कर्मचारी की गलती मानकर मुझसे बात कराई गई। इस पर स्वाभाविक रूप से मैंने (कालरा) ने उसे डांटा। इसके बाद मेरे घर पर 50-60 गुंडों ने हमला कर दिया और परिजनों को चोट पहुंचाई। नोटिस में कहा गया है कि कालरा ने इस हमले में आपके शामिल होने क शिकायत की है। यादव को कहा गया है कि वे दो दिनों के अंदर लिखित स्पष्टीकरण देकर वास्तविकता से अवगत कराएं।

इसी तरह कमलेश कालरा को भेजे नोटिस में कहा गया है कि 3 जनवरी को उनका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें वे एक नगर निगम को कर्मचारी को धमकाते नजर आ रहे हैं। इसके कारण पार्टी की छवि धूमिल हुई है। कालरा से दो दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सीएम तक को सबकुछ पता

यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया में जबरदस्त छाया रहा। कमलेश कालरा के ऑडियो के बाद जीतू यादव से कमलेश कालरा की बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ। इसमें वे कालरा को धमकाते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे हमले बार-बार होंगे। एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें कालरा की मां और उनके बेटे से गुंडे बदतमीजी करते नजर आ रहे हैं। यह मामला प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तथा संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा तक बात पहुंची। इसके बाद जब शनिवार को सीएम डॉ.मोहन यादव इंदौर आए तो विधायक मालिनी गौड़ ने कमलेश कालरा और उनके परिजनों से सीएम की मुलाकात कराई। रविवार को भी सीएम इंदौर में थे, तब जीतू यादव, यादव समाज के लोगों के साथ सीएम से मिलने पहुंच गए। सीएम ने उनके सिर पर हाथ भी फेर दिया।

क्या झूठे हैं ऑडियो और वीडियो?

जब पूरा शहर और पूरी भाजपा इस ऑडियो को सुन चुकी है और वीडियो को देख चुकी है। ऐसे में संगठन सीधे कार्रवाई का कोई फैसला क्यों नहीं ले रहा? क्या जीतू यादव की ओर से मंत्री गुट या किसी और तरह का दबाव है। जब खुलेआम जीतू, कमलेश कालरा को धमकी दे रहे हैं तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? भाजपा नगर अध्यक्ष के इस नोटिस का क्या अर्थ लगाया जाए? क्या ऐसा नहीं लग रहा कि सबकुछ साफ होते हुए भी संगठन कुछ देखने की कोशिश नहीं कर रहा? अगर इस तरह के मामलों में भी लीपापोती की गई तो आगे इस तरह की घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा।

 

 

 

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