भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस मिला है। यह नोटिस प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री और वर्तमान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के करीबी अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव ने भेजा है। यह नोटिस उन आरोपों पर भेजा गया है, जिसमें दिग्विजय सिंह ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर परिवहन मंत्री रहते हुए करोड़ों की वसूली करने का आरोप लगाया था। इन्हीं आरोपों में दिग्विजय सिंह ने गोविंद सिंह के साथ संजय श्रीवास्तव का भी नाम लिया था।
उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह ने परिवहन वसूली के मामले में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से कनेक्शन होने का दावा किया गया था। संजय श्रीवास्तव ने इन आरोपों के बाद छवि को नुकसान पहुंचने का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह को मानहानि का नोटिस भेजा है।अधिवक्ता श्रीवास्तव ने नोटिस में लिखा है कि उनके पेशेवर संबंध केवल गोविंद सिंह राजपूत से हैं, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह ने उन्हें अन्य सार्वजनिक सेवकों और व्यक्तियों से जोड़कर गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की। श्रीवास्तव ने दिग्विजय सिंह से उनके बयानों को वापस लेने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। नोटिस में श्रीवास्तव ने लिखा है कि अगर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह 30 दिन में माफी नहीं मांगते तो वह आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के साथ राज्यसभा में भी सिंह के खिलाफ शिकायत करेंगे।
राजनीति के दुरुपयोग का आरोप
एडवोकेट श्रीवास्तव ने कहा है कि दिग्विजय सिंह का यह काम भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 354 और 356 के अंतर्गत मानहानि के दायरे में आता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी राजनीति का दुरुपयोग करके गलत जानकारी फैलाने और समाज में अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास किया है। संजय श्रीवास्तव ने दिग्विजय सिंह से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है। उन्होंने कहा है कि दिग्विजय सिंह सभी मंचों पर उनके खिलाफ दिए गए सभी मानहानिकारक बयानों को वापस लें और सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। साथ ही उनकी छवि धूमिल करने और पेशे को नुकसान पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रुपए का मुआवजा दें।
दिग्विजय ने पूछा था-आखिर किसका पैसा है
दिग्विजय सिंह ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास मिली संपत्ति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मांग की थी कि इस केस से लोकायुक्त को हटाया जाए और केस की जांच ईडी और आयकर विभाग को सौंपी जानी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए कि पता लगाना चाहिए कि पैसा किसका है? कहां से आया और कहां गया। उन्होंने पूरी जांच मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में करने की बात कही है।
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