नागपुर। वीर सावरकर का हमेशा विरोध करने वाली कांग्रेस के साथ गठबंधन में बैठे शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे का हिन्दुत्व प्रेम फिर जाग उठा है। उन्होंने वीर सावरकर को भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की अपनी मांग कर दी है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई।
नागपुर में एक प्रेस कान्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि वीर सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। जब देवेंद्र फडणवीस सीएम थे, तब उन्होंने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उसका अभी तक कुछ हुआ नहीं। अब तो फडणवीस सीएम हैं। अब तो उनकी मांग पर विचार करना चाहि। अब अगर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है तो भाजपा को वीर सावरकर पर बोलने का कोई अधिकार नहीं हैं। मैं कांग्रेस और भाजपा दोनों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस को सावरकर पर निशाना साधना बंद कर देना चाहिए। भाजपा को भी नेहरू-नेहरू करना बंद कर दे। अतीत को छोड़ भविष्य पर ध्यान देने की जरूरत है। दोनों नेताओं ने अपने समय में जो भी निर्णय लिए, वे अपने युग के लिए उपयुक्त थे इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को भी अब नेहरू का नाम बार-बार लेने से बचना चाहिए।
शिंदे की शिवसेना ने कहा-पहले कांग्रेस को लात मारिए
एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता और कैबिनेट मंत्री भारत गोगावले ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जो मांग की है वह ठीक है। महायुति के नेता वीर सावरकर को भारत रत्न देने के मामले पर फैसला करेंगे, लेकिन हिंदुत्व त्याग चुके उद्धव ठाकरे को वीर सावरकर के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। शिंदे गुट के कोटे से मंत्री बने आशीष जायसवाल ने कहा कि उद्धव ठाकरे का मित्र पक्ष रोज सावरकर का अपमान कर रहा है। उनको लात मारकर पहले अलग कीजिए। जब तक आप यह करेंगे नहीं तब तक यह प्रश्न आप पूछ नहीं सकते हैं। राहुल गांधी रोज वीर सावरकर के लिए गलत शब्द का इस्तेमाल करते हैं। आप किसी को सम्मान नहीं दे सकते तो किसी का अपमान मत कीजिए।
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