शिवसेना (यूबीटी) ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान, विपक्षी एकता पर सवाल
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हार के बाद, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया
- Published On :
12-Jan-2025
(Updated On : 12-Jan-2025 11:07 am )
शिवसेना (यूबीटी) ने अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान, विपक्षी एकता पर सवाल
महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की हार के बाद, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया। इस कदम ने विपक्षी एकता, खासकर इंडिया ब्लॉक और एमवीए गठबंधन की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

संजय राउत का बयान
शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि यह निर्णय संगठनात्मक विकास और कार्यकर्ताओं को अवसर प्रदान करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा,
"गठबंधन में कार्यकर्ताओं के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहे हैं। संगठन को मजबूत करने और विकास के लिए स्वतंत्र होकर चुनाव लड़ना जरूरी है।"
कांग्रेस को झटका और 'आप' को समर्थन
इससे पहले, उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने का ऐलान किया था। यह निर्णय कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि एमवीए और इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) सहयोगी दल हैं।
गठबंधन की सीमाएं
संजय राउत ने स्पष्ट किया कि एमवीए और इंडिया ब्लॉक लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए बनाए गए गठबंधन हैं। स्थानीय निकाय चुनावों में स्वतंत्र रूप से भाग लेने का निर्णय इन गठबंधनों पर लागू नहीं होता।
राजनीतिक प्रभाव
शिवसेना (यूबीटी) के इस कदम से विपक्षी गठबंधन की एकता और सहयोग की भावना पर असर पड़ सकता है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) के साथ शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन अब नाजुक स्थिति में है।
आने वाले चुनावों पर नजर
शिवसेना (यूबीटी) का यह फैसला स्थानीय राजनीति को बदलने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन की ताकत और रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है। यह देखना अहम होगा कि अन्य दल इस स्थिति का कैसे जवाब देते हैं और क्या यह कदम विपक्षी एकता को कमजोर करेगा।
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