महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ और जबर्दस्ती धर्मांतरण पर कानून की तैयारी—सियासत या जरूरत?
महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद और जबर्दस्ती धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।
- Published On :
16-Feb-2025
(Updated On : 16-Feb-2025 10:29 am )
महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ और जबर्दस्ती धर्मांतरण पर कानून की तैयारी—सियासत या जरूरत?
महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद और जबर्दस्ती धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। यह समिति कानूनी उपायों पर सुझाव देगी और अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करेगी। इस फैसले के साथ महाराष्ट्र उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जो जबर्दस्ती धर्मांतरण को रोकने के लिए सख्त कानून बना रहे हैं। लेकिन क्या यह कदम सामाजिक सुरक्षा के लिए उठाया गया ठोस कदम है, या फिर राजनीति से प्रेरित?
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क्या महाराष्ट्र में जबरन धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं?
राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर नहीं बताया कि कितने मामले जबर्दस्ती धर्मांतरण के दर्ज हुए हैं।
लेकिन अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में ऐसे कानून पहले से मौजूद हैं, जिनमें शादी के नाम पर जबर्दस्ती धर्मांतरण को अपराध माना गया है।
अब महाराष्ट्र भी इसी दिशा में बढ़ रहा है।
समिति में कौन-कौन शामिल है?
महाराष्ट्र सरकार की इस सात सदस्यीय समिति में प्रमुख विभागों के अधिकारी शामिल हैं—
डीजीपी (पुलिस प्रमुख) - अध्यक्ष
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव
अल्पसंख्यक विभाग के सचिव
कानून और न्यायपालिका विभाग के सचिव
सामाजिक न्याय विभाग के सचिव
विशेष सहायता विभाग के सचिव
गृह विभाग के उप-सचिव
समिति यह अध्ययन करेगी कि कानून की जरूरत क्यों है, और अन्य राज्यों में ऐसे कानूनों का क्या प्रभाव पड़ा है।
राजनीतिक विवाद शुरू
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम के पीछे भाजपा-शिवसेना गठबंधन की विचारधारा मानी जा रही है।
विपक्षी पार्टियां इसे राजनीतिक हथकंडा बता रही हैं।
जबकि सरकार इसे महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का मुद्दा कह रही है।
एनसीपी एसपी और कांग्रेस विरोध में क्यों?
एनसीपी और कांग्रेस का तर्क है कि ‘लव जिहाद’ एक काल्पनिक मुद्दा है, जिसे भाजपा ध्रुवीकरण के लिए इस्तेमाल कर रही है।
उनका कहना है कि हर अंतर-धार्मिक शादी को शक की नजर से देखना गलत है।
अगले कुछ महीनों में देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र इस कानून को किस तरह लागू करता है
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