महाराष्ट्र: सपा ने महा विकास अघाड़ी से तोड़ा नाता!
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों में महायुति की जीत के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में दरारें सामने आ रही हैं। समाजवादी पार्टी ने एमवीए से अलग होने का निर्णय लिया
- Published On :
08-Dec-2024
(Updated On : 08-Dec-2024 11:50 am )
महाराष्ट्र: सपा ने महा विकास अघाड़ी से तोड़ा नाता!
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों में महायुति की जीत के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी एमवीए में दरारें सामने आ रही हैं। ममता बनर्जी के बयान और इंडी गठबंधन में नेतृत्व परिवर्तन की जोर पकड़ती मांग के बीच अब समाजवादी पार्टी ने एमवीए से अलग होने का निर्णय लिया है। सपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अबु आजमी ने शनिवार को घोषणा की कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे यूबीटी के बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े रुख के चलते यह फैसला लिया गया।अबु आजमी ने कहा शिवसेना-यूबीटी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के समर्थन में बयान और पोस्ट जारी किए।उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के करीबी नेताओं ने सोशल मीडिया और अखबारों में विध्वंस में शामिल लोगों की सराहना करते हुए पोस्ट साझा की।अगर गठबंधन में ऐसी भाषा का उपयोग किया जाता है, तो उनमें और भाजपा में क्या अंतर है?

उन्होंने आगे कहा कि वह इस मुद्दे पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बात कर रहे हैं और यह कदम शिवसेना-यूबीटी के विवादित बयानों के खिलाफ उठाया गया है।विवाद तब शुरू हुआ जब शिवसेना-यूबीटी के नेता मिलिंद नार्वेकर ने अपने एक्स अकाउंट पर बाबरी मस्जिद विध्वंस की एक तस्वीर पोस्ट की।तस्वीर में बाल ठाकरे का वक्तव्य था जिन्होंने ये किया, मुझे उन पर गर्व है।इस पोस्ट में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीर भी शामिल थी।अबु आजमी ने इसे शिवसेना-यूबीटी की मुस्लिम विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया।यह पहली बार नहीं है जब सपा ने एमवीए के भीतर अपनी नाराजगी जाहिर की।विधानसभा चुनाव से पहले भी अबु आजमी ने एमवीए में उम्मीदवार चयन को लेकर असहमति जताई थी।उन्होंने आरोप लगाया था कि एमवीए सपा को उचित सीटें नहीं दे रही है।उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने की बात भी कही थी।
समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह अपने आधार और विचारधारा के खिलाफ किसी भी पार्टी के साथ नहीं रह सकती।अबु आजमी ने कहा, हम गठबंधन का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की विचारधारा का समर्थन नहीं कर सकते।उन्होंने संकेत दिया कि सपा भविष्य में अकेले चुनाव लड़ सकती है।
सपा के गठबंधन से अलग होने के बाद एमवीए की स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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