बोर्ड परीक्षाओं में बुर्का पहनने पर रोक की मांग, नितेश राणे ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
मंत्री नितेश राणे ने राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भूसे को पत्र लिखकर 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश न देने का आग्रह किया है।
- Published On :
31-Jan-2025
(Updated On : 31-Jan-2025 10:23 am )
बोर्ड परीक्षाओं में बुर्का पहनने पर रोक की मांग, नितेश राणे ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने राज्य के शिक्षा मंत्री दादा भूसे को पत्र लिखकर 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश न देने का आग्रह किया है। राणे ने इस मुद्दे को लेकर नकल और सुरक्षा को मुख्य चिंता बताया है।नितेश राणे ने कहा,हमारी सरकार तुष्टिकरण की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी। जो नियम हिंदू छात्रों पर लागू होते हैं, वही नियम मुस्लिम छात्रों पर भी लागू होने चाहिए। जो लोग बुर्का या हिजाब पहनना चाहते हैं, वे इसे अपने घरों में पहन सकते हैं, लेकिन परीक्षा केंद्रों में सभी छात्रों को समान नियमों का पालन करना चाहिए।
राणे ने दावा किया कि बुर्का पहनने वाली छात्राओं के माध्यम से नकल की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और इसे महाराष्ट्र में दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
नकल और सुरक्षा को लेकर चिंता
शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में राणे ने कहा कि परीक्षा केंद्रों में बुर्का पहनने से नकल और सुरक्षा संबंधी जोखिम पैदा हो सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि बुर्का पहनने वाली छात्राओं की जांच के लिए महिला पुलिस या महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने कहा,यह परीक्षाएं छात्राओं के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और इन्हें बिना किसी नकल या धोखाधड़ी के पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए। अगर परीक्षा के दौरान छात्राओं को बुर्का पहनने की अनुमति दी जाती है, तो यह जांचना मुश्किल होगा कि क्या वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या अन्य तरीकों से नकल कर रही हैं।
कानून-व्यवस्था और परीक्षा की निष्पक्षता पर असर
राणे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो इससे सामाजिक और कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो अन्य छात्रों को भी प्रभावित कर सकती हैं।
राज्य में 12वीं की बोर्ड परीक्षा 11 फरवरी से और 10वीं की परीक्षा 21 फरवरी से शुरू होनी है।
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