इंदौर। पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने शो दिल-लुमिनाती 2024 को लेकर चर्चा में हैं। चर्चा इसलिए नहीं कि वे बहुत अच्छे सिंगर हैं, बल्कि चर्चा इस बात की है उनके शो के टिकटों की कालाबाजारी हो रही है। ईडी को छापे मारने पड़ रहे हैं। उनके शो में खुलेआम शराब परोसा जाता है और हर शो में विवाद हो रहा है। महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकार ने तो हिम्मत दिखाई। महाराष्ट्र सरकार ने तो पिछले महीने हुए शो में ही शराब परोसने की परमिट रद्द कर दी थी। अब यही दोसांझ मध्यप्रदेश में देवी अहिल्या की पवित्र नगरी में अपना शो लेकर आ रहे हैं और सरकार तथा संस्कृति की रक्षा करने का दावा करने वाले संगठन चुप बैठे हैं।
शायद मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन को यह याद नहीं कि यही दिलजीत दोसांझ किसान आंदोलन के समय भारत सरकार का कितना विरोध कर चुके हैं। सिंधु बॉर्डर पर बैठकर खुलेआम केंद्र की मोदी सरकार को कोसा था। इतना ही नहीं इस आंदोलन को एक करोड़ का दान भी दिया था। जब भाजपा नेत्री कंगना रनौत ने उन पर सवाल उठाए तो वे सोशल मीडिया पर उनसे भी भिड़ लिए थे।
पूरे देश में शराब बंद करने की दी चुनौती
इस महीने की शुरुआत में दिलजीत ने अपने अहमदाबाद संगीत कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर सरकार देश भर में शराब पर प्रतिबंध लगाती है, तो वह शराब पर गाने बनाना बंद कर देंगे। दिलजीत ने कहा था कि बहुत बड़ा राजस्व है ये। कोरोना में सब बंद हो गया था, ठेके बंद नहीं हुए थे। क्या बातें कर रहे हो आप? आप युवाओं को बेवकूफ नहीं बना सकते।
महाराष्ट्र सरकार ने शराब की परमिट निरस्त की
दिलजीत ने हैदराबाद में शराब को लेकर भारत सरकार को जब चुनौती दी तो महाराष्ट्र की सरकार ने गंभीर रुख दिखाया था। शो से ठीक पहले पुणे शहर के कोथरुड इलाके में राज्य के आबकारी विभाग ने पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ के संगीत समारोह में शराब सर्व करने की अनुमति रद्द कर दी। यह फैसला एनसीपी पार्टी की युवा शाखा और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल के साथ-साथ कुछ स्थानीय निवासियों और संगठनों द्वारा कार्यक्रम में शराब सर्व के खिलाफ किए गए कड़े विरोध के बाद लिया गया है।
हैदराबाद कॉन्सर्ट से पहले मिला था नोटिस
15 नवंबर को हैदराबाद में दिलजीत का शो था। इसके पहले ही तेलंगाना सरकार ने उन्हें नोटिस भेजा था। नोटिस में पंजाबी गायक को ड्रग्स, शराब या हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने न गाने के लिए कहा गया है। यह निर्देश चंडीगढ़ के पंडितराव धरेनवर के प्रतिनिधित्व के बाद दिया गया है, जिन्होंने दिलजीत द्वारा हाल ही में ड्रग्स, शराब और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गाने गाए जाने का वीडियो सबूत पेश किया था।
टिकटों क कालाबाजारी में ईडी मार चुकी है छापा
इसी साल अक्टूबर में दिलजीत दोसांझ के म्यूजिक कॉन्सर्ट के टिकटों की हेराफेरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने दिल-लुमिनाती कॉन्सर्ट के टिकटों की अवैध बिक्री मामले में पांच राज्यों - दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चंडीगढ़ और बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर छापा मारा था। इसके अलावा उनके अधिकांश शो में टिकटों की ब्लैकमेलिंग के आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं दिल्ली के एक लॉ स्टूडेंट ने दिल्ली में कॉन्सर्ट के आयोजकों के खिलाफ एक कानूनी नोटिस दायर किया, जिसमें उन पर टिकट की गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन चुप
यहां एक बड़ा सवाल यह है जब तेलंगाना और महाराष्ट्र की सरकार एक्शन ले सकती है तो मध्यप्रदेश की संस्कारी भाजपा सरकार और उसके संस्कृति बचाओ संगठन चुप क्यों हैं? क्या दिलजीत दोसांझ को देशभक्ति का कार्यक्रम करने आ रहे हैं या फिर वे बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का विरोध करने वाले हैं? क्या वे इस कंसर्ट से हुई कमाई मध्यप्रदेश के विकास में लगाने वाले हैं? अगर ऐसा नहीं तो फिर दारू पीकर दंगा करने वाले इस कंसर्ट को क्यों होने दिया जा रहा है?
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