भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम डॉ.मोहन यादव की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हरियाणा चुनाव ने इसका प्रमाण भी दे दिया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सीएम यादव को पांच सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए भेजा था। इनमें से चार सीट भाजपा के हाथ आ गई है। इन सभी सीटों पर सीएम यादव ने ताबड़तोड़ रैलियां की थी और भाजपा के कामकाज, भाजपा में छोटे कार्यकर्ताओं और यादव समाज का महत्व बताया था। इतना ही नहीं सीएम यादव जम्मू-कश्मीर की जिस एक सीट पर प्रचार करने गए, वहां भी कमल ही खिला है।
उल्लेखनीय है कि सीएम यादव को हरियाणा की पांच सीटों की कमान दी गई थी। ये सीटें थीं दादरी, भिवानी, भवानी खेरा, झज्जर और तोशाम। इनमें से झज्जर सीट छोड़ छोड़कर बाकी 4 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिली है। भिवानी विधानसभा में घनश्याम सर्राफ, दादरी विधानसभा में सुनील सतपाल सांगवान, तोशाम विधानसभा में श्रुति चौधरी और बवानी खेड़ा विधानसभा क्षेत्र से कपूर सिंह विजयी हुए हैं।
ओबीसी वोट बैंक पर चला मोहन मैजिक
उत्तरप्रदेश, बिहार की तरह हरियाणा में भी जातिगत समीकरण ही चलते हैं। हरियाणा में शुरू से ही जाट और पिछड़ी जातियां और अनुसूचित जातियों का समीकरण काम आता रहा है। हालांकि जाटों में भाजपा की उतनी पकड़ नहीं बताई जाती, लेकिन अन्य पिछड़ी जातियों और अहीरलवाल समाज का झुकाव भाजपा की तरफ हुआ है। सीएम यादव को इन्हीं क्षेत्रों में समीकरण साधने के लिए भेजा गया था और वे इसमें सफल रहे। अपने भाषणों में भी उन्होंने इस समाज को यह बताने की कोशिश की थी कि भाजपा ने उन्हें कितना महत्व दिया है। निश्चित तौर पर भाजपा के पास इस समय मध्यप्रदेश के सीएम यादव के अलावा कोई बड़ा और लोकप्रिय यादव नेता नहीं है।
जम्मू में एक सीट पर किया प्रचार, वह भी ले आए
सीएम यादव जम्मू-कश्मीर में सिर्फ सांबा विधानसभा सीट पर प्रचार करने गए थे और यह सीट भी भाजपा की झोली में आ गई। इस विधानसभा भाजपा के उम्मीदवार सुरजीत सिंह सलाथिया को जीत मिली है। खास बात यह कि यहां कि यहां दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार ने कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस चौथे नंबर पर रही। निश्चित तौर पर आने वाले विधानसभा चुनावों में सीएम यादव की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
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