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भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर में इंदौरी मिर्जापुर 2-सीएम भईया के ‘पावर’ देने के बाद भी ‘पावरलेस’ काहे दिख रहे हैं ‘कालीन भईया’…

HBTV NEWS के न्यूज हेड हरीश फतेहचंदानी का कॉलम-सच कहता हूं

बात ज्यादा पुरानी नहीं है। विधानसभा तीन के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के जन्मदिन पर किंग ऑफ इंदौर के पोस्टर लगे थे। तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे मिर्जापुर सीरीज से जोड़ दिया था। इंदौर की राजनीति के हिसाब से कार्यकर्ताओं ने ही नेताओं के कैरेक्टर तय किए थे। वे कैरेक्टर हमने आप तक पहुंचाए थे। लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं को भला कौन समझाए…फिर उन्होंने हम तक कुछ पहुंचाया है…मैं रखकर क्या करूंगा…तेरा तुझको अर्पण…

भाजपा कार्यकर्ताओं का आंकलन है कि इंदौरी मिर्जापुर के कालीन भईया यानी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इन दिनों कुछ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। सरकारी बैठकों में पहले जैसे तेवर उनके नहीं रहे। पहले मेट्रो से लेकर हर योजना में मीन-मेख निकालते थे, लेकिन जबसे सीएम ने इंदौर का प्रभार संभाला है माइक के सामने कम ही आ रहे हैं। हो सकता है चुनाव के समय जनता से किया वादा पूरा करने में जुटे हों। नशाखोरी बंद कराने का एक वादा इन दिनों उन्हीं के गले में फंस गया है। कालीन भईया इतने परेशान हो गए कि टीआई तक को सबके सामने चमकाना पड़ा। अब कार्यकर्ता यह कह रहे हैं कि जब सीएम भईया ने इतना पावर दे रखा है, तो एक टीआई को चमकाने की क्या जरूरत?

मिर्जापुर के पहले एपिसोड में कार्यकर्ताओं ने गुड्‌डू पंडित यानी गौरव रणदिवे और बबलू पंडित यानी मनोज पटेल के बारे में भी काफी कुछ कहा था। अब कार्यकर्ताओं का कहना है कि बबलू पंडित तो पूरा ही मैदान छोड़ गए हैं, जबकि गुड्‌डू पंडित और मजबूत होते जा रहे हैं। अब गुड्‌डू पंडित के साथ शरद शुक्ला यानी एकलव्य सिंह गौड़ खड़े दिखाई दे रहे हैं। उनको देख-देख भरत त्यागी यानी सावन सोनकर भी गुड्‌डू पंडित के साथ हो गए हैं।  कार्यकर्ताओं के अनुसार वसुंधरा पंडित यानी सुमित्रा महाजन भी गुड्‌डू पंडित के साथ खुलकर खड़ी हैं। कई बार बोल चुकी हैं कि गुड्‌डू यानी गौरव संगठन बहुत अच्छे से संभाल रहा है। इन दिनों सीएम भईया का हाथ भी गुड्‌डू पंडित पर है।

इस बार के एपिसोड में कार्यकर्ताओं ने दद्दा त्यागी को भी ढूंढकर निकाल लिया है। जी हां, आप सही समझे। इस भूमिका में इंदौर के परमानेंट मंत्री अपने तुलसी भईया ही हैं। चाहे सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की भिया के नेमप्लेट के नीचे मंत्री लिखा जाना ही है। या तो दद्दा त्यागी में अब पहले जैसी बात नहीं रही या फिर अपने पुराने ‘पापों’ और बेटे चिंटू के कारनामों से परेशान हैं। अब देख लीजिए ना, एक प्रेस कान्फ्रेंस में वे अपनी पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाने पहुंचे, लेकिन जैसे ही कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी के बारे में पूछा गया माइक बंद कर भग लिए। पहले तो ऐसे नहीं थे अपने पहलवान। डट के लड़ते थे, जवाब देते थे। इस बार भी अगर कुछ गलत नहीं था, तो भिड़ जाते…

कार्यकर्ताओं के अनुसार इन दिनों सबसे ज्यादा परेशान मकबूल यानी महापौर पुष्यमित्र भार्गव हैं। कालीन भईया साथ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कोई मदद नहीं कर पा रहे। सरकार से पैसा आ नहीं रहा है, किसको बोलें? सीएम भईया से बोलो तो वे कहते हैं कि आप लोग सक्षम हो। मकबूल अपना अस्तित्व बचाकर भी रखना चाह रहे हैं। ऐसे में हैरान-परेशान हैं कि क्या करें…किसकी शरण में जाएं…

बात लंबी है, इसलिए खत्म कर रहे हैं...बाकी अगले एपिसोड में…तब तक काफी कुछ बदल सकता है…राजनीति है भाई…

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