भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को कांग्रेस ने मंडला एनकाउंटर को लेकर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों में इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सदन की कार्रवाही का बहिष्कार कर दिया। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि पुलिस ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए आदिवासी की हत्या की है। रिटायर्ड जज से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस विधायकों के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा- मामले की 11 बिंदुओं पर मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। जवानों ने पहले आत्मसमर्पण के लिए कहा था। आत्म समर्पण करने के बजाय पुलिस पार्टी पर फायरिंग की गई। इसके बाद ही जवाबी एक्शन लिया गया। मंत्री के इस जवाब पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, फिर कार्यवाही से वॉक आउट कर दिया।
बिजली के मुद्दे पर मंत्री से भिड़े विधायक
भिंड के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिजली अधिकारी प्रदीप जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इसके सबूत मैं कई बार मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री को दे चुका हूं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी क्षेत्रों में पर्याप्त बिजली मिल रही है। इस पर कुशवाहा ने कहा कि आप अधिकारी का लिखा जवाब पढ़ रहे हैं। प्रदीप जैन को सस्पेंड किया जाना चाहिए। इस पर मंत्री ने कहा- जैन की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराएंगे।
मंत्री राजपूत ने सिंघार को घेरा
विधानसभा के बाहर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मैंने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के लिए 20 करोड़ का नोटिस दिया है। सिंघार भ्रष्टाचार में गले तक डूबे हुए हैं। उनसे पूछना चाहिए कि वे दो करोड़ की डिफेंडर गाड़ी में कैसे घूम रहे हैं। जिस आदमी ने हमारी सुपारी ले ली हो, हमारे नाम का टेंडर ले लिया है। वे अब लोकायुक्त नहीं जाएंगे तो टेंडर वापस ले लिया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी है कांग्रेस
राजपूत पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी है। ये प्रदेश की जनता का पैसा है। कोई मंत्री अगर इस प्रकार से प्रॉपर्टी बनाएगा, घोटाले करेगा तो क्या हम चुप बैठेंगे। मानहानि के नोटिस पर सिंघार ने कहा कि वे उसका जवाब दे देंगे।
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