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पिनेकल ग्रांड कॉलोनी में अब न मकान बनेंगे और न बिकेंगे प्लॉट, हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने निरस्त की अनुमति

जिस जमीन के मालिक ही नहीं थे उसे अपना बताकर ले ली विकास अनुमति

इंदौर। ग्राम निपानिया के पिनेकल ग्रांड कॉलोनी में आवासीय भूखंड विकास के लिए जारी अनुमति नगर निगम ने निरस्त कर दी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने यह फैसला लिया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह कहा गया था कि बिल्डरों ने पहले ही यह जमीन बेच दी थी, इसके बाद गलत तरीके से विकास अनुमति ली।

नगर निगम आदेश में कहा गया है कि ग्राम निपानिया, तहसील व जिला इंदौर की भूमि खसरा क्रमांक 260/1, 261/1, 261/2, 264/1 कुल रकबा 8.991 हेक्टेयर में से इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना में सम्मिलित 0.680 हेक्टेयर भूमि को छोडकर शेष 8.311 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय भूखंड विकसित करने की अनुमति निरस्त की जाती है। यह अनुमतिनीना पति संजय अग्रवाल,  रीतू पति मनोज अग्रवाल, तर्फे आम मुखत्यार संजय अग्रवाल के नाम से 18 दिसंबर 2015 को जारी की गई थी।

न प्लॉट बिकेंगे और न बनेंगे मकान

नगर निगम ने अपने पत्र में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि 18 फरवरी 25 को हुई सुनवाई में पंकज रिझवानी एवं रमेश रिझवानी की ओर कोर्ट में प्रकरण के आदेश तक कार्यपूर्णता जारी न करने एवं विकास अनुमति स्थगित करने व यथास्थिति कायम रखे जाने की बात कही गई थी। प्रकरण में प्राप्त शिकायत के निराकरण हेतु पूर्व में नीना पति अग्रवाल, रीतू अग्रवा, तर्फे आम मुखत्यार संजय अग्रवाल को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। पत्र में लिखा गया है कि समयावधि में विकास कार्य पूर्ण कर कार्यपूर्णता प्राप्त नही की गई होने से इस कार्यालय से जारी समस्त अनुमतियां स्वतः समाप्त हो चुकी है। निगम ने अगले आदेश तक किसी भी प्रकार का विकास/निर्माण न करे एवं सदर स्थल पर किसी भी प्रकार के भूखण्डों का क्रय-विक्रय/ अंतरण आगामी आदेश तक न करे।

कॉलोनाइजरों ने विभागों से बोला झूठ

नगर निगम और हाईकोर्ट में जो तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं उससे साफ जाहिर है कि कॉलोनाइजरों ने अनुमतियां लेने के लिए विभागों से झूठ बोला। सभी रजिस्ट्रीयां श्री जे.एस.एम. देवकॉन्स द्वारा की गई हैं, जिसके मालिक गुरुनाम सिंह धालीवाल एवं हरप्रीत सिंह टूटेजा हैं। हर रजिस्ट्री में आशीष दास का कालोनाइजर लाइसेंस एवं संजय अग्रवाल की सभी परमिशन का उपयोग किया गया है। हर रजिस्ट्री में संजय अग्रवाल एवं गुरुनाम सिंह धालीवाल द्वारा एक-दूसरे को सहमतिदाता के रूप में साइन की गई है। इससे साफ जाहिर है कि विभागों से झूठ बोला गया है।  संजय अग्रवाल द्वारा नगर पालिक निगम इंदौर में झूठे शपथपत्र लगाकर विकास अनुमति प्राप्त की गई कि जिस जमीन वे मालिक ही नहीं थे उसे अपना बताया।

निगम ने एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा था

नगर निगम ने 9 जून 2023 को थाना लसूड़िया को संजय अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र भी लिखा था। इसमें गलत तरीके से अनुमति प्राप्त करने तथा गिरवी प्लॉट बेचने की बात लिखी गई थी। इतना फर्जीवाड़ा करने के बाद भी कॉलोनाइजरों द्वारा प्लॉट बेचने का सिलसिला जारी रहा।

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