इंदौर। अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान एक बार फिर से अपना पुराना वन विभाग पाने के लिए बेताब दिख रहे हैं। जिस रामनिवास रावत के लिए उनसे विभाग छीना गया था, अब वे चुनाव हारने केबाद मंत्री पद छोड़ चुके हैं। इंदौर में शुक्रवार को नागर सिंह चौहान ने कहा कि अगर उन्हें यह विभाग दिया जाता है तो वे दायित्व निभाने के लिए तैयार हैं। वन विभाग की लॉबिंग को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी विधायक मंत्री बनने की होड़ में लगे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जब कांग्रेस से अचानक भाजपा में आए रामनिवास रावत को वन मंत्री बना दिया गया था, तो नागर सिंह चौहान ने काफी नाराजगी जाहिर की थी। उनके विरोध की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी थी। तब वे दिल्ली गए थे और वहां से भी विरोध के स्वर भोपाल तक पहुंचे थे। फिर वरिष्ठ नेताओं के समझाने और कुछ शर्तों के साथ वे चुप रहने पर राजी हुए थे। लोकसभा चुनाव के समय भाजपा संगठन ने उनकी पत्नी अनिता चौहान को रतलाम-झाबुआ सीट से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को चुनाव हराया था। अब जब कि रामनिवास रावत चुनाव हार गए हैं, नागर सिंह चौहान फिर से वन विभाग वापस पाने की जुगत में जुट गए हैं।
चौहान ने कहा-सभी कर रहे मंत्री बनने की कोशिश
इंदौर में नागर सिंह चौहान ने कहा कि वे वन मंत्री बनने को तैयार हूं। वन विभाग की लॉबिंग को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई ऐसा विधायक नहीं जो मंत्री नहीं बनना चाहता। उन्होंने यह स्वीकार किया कि वे दिल्ली गए ते और वहां वरिष्ठ नेताओं से इस पर चर्चा भी हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा के 164 विधायकों में से 32-33 विधायक ही मंत्री हैं, बाकी विधायक भी मंत्री बनना चाहते है और सब कोशिश कर रहे हैं। संगठन के सामने वन मंत्रालय की बात रखने के सवाल पर मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि कि संगठन में हर व्यक्ति को बात रखने का अधिकार हैं।
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