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बीमारियों से कराह रहा सबसे स्वच्छ शहर, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग नींद में…

HBTV NEWS के न्यूज हेड हरीश फतेहचंदानी का कॉलम-सच कहता हूं

सफाई में लगातार सात बार देश में नंबर वन आने वाला शहर गंदगी से पनपने वाली डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी बीमारियों से कराह रहा है। बावजूद इसके आठवीं बार स्वच्छता में नंबर वन आने की तैयारी कर रहे शहर के नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं खुल रही। पता नहीं किस आधार पर देश के सामने सफाई का दंभ भरेंगे?

इंदौर में हर रोज डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं। पिछले 24 घंटों में ही 13 मरीज पीपल्याहाना, मूसाखेड़ी, जूनी इंदौर में मिले हैं। पिछले दो-तीन माह से शहर वर्षा और गंदगी से पनपने वाली बीमारियों से परेशान है लेकिन निगम और स्वास्थ्य विभाग का अमला कहीं दिखाई नहीं दे रहा। हां, जिस क्षेत्र में मरीज मिल रहे हैं, वहीं दवा छिड़कने की औपचारिकता पूरी की जा रही है।

आश्चर्य की बात यह कि सारे विभाग प्रेस नोट जारी कर लोगों से आसपास गंदगी और पानी नहीं जमा होने की अपील कर रहे हैं। यह जिम्मेदारी किसकी है? गंदगी किसकी वजह से है और मोहल्ले की सड़कों पर पानी किसकी वजह से है? नगर निगम के जिम्मेदार बरसात शुरू होने से पहले भी रोड खोदते रहे और भरी बारिश में काम चलता रहा। हालत यह हो गई कि शहर की अच्छी-भली सड़कों को गड्‌ढेदार बना दिया गया।

पहले अनंत चतुर्दशी से पहले यही नगर निगम शहर की सड़कों के सारे गड्‌ढे भर देता था और दशहरा-दीपावली तक तो शहर चमन हो जाता था। इस बार सड़कों की हालत देख लीजिए। मुख्य मार्गों के अलावा मोहल्ले की सड़कें भी कबाड़ा बनी पड़ी हैं। ऐसे में गड्‌ढों में जमा गंदा पानी बीमारियां ही तो बांटेगा।

यही नगर निगम और यही स्वास्थ्य विभाग बरसात के मौसम में लोगों को डेंगू और मलेरिया से बचाने के लिए पॉश कॉलोनियों से लेकर बस्तियों तक मच्छर भगाने के उपाय करता था। गड्‌ढों में जमा पानी में दवा का छिड़काव होता था, अब यह अमला मैदान में क्यों नहीं दिखाई देता?

सच तो यह है कि इंदौर की सारी की सारी विधानसभा जीतने के बाद भी भाजपा के जनप्रतिनिधि पता नहीं किस दुनिया में खोए हैं? नगर निगम में लगातार भाजपा की ही परिषद रही है, लेकिन पता नहीं इस बार महापौर से लेकर पार्षदों तक को क्या हो गया है? जानकार बताते हैं कि इससे अच्छी स्थिति तो डॉ.उमाशशि शर्मा के कार्यकाल में थी, जब दो नंबर के सारे पार्षद विरोध में रहते थे। आपसी विवाद के बाद भी काम नहीं रुकता था। अब तो महापौरजी दो नंबर में ही बैठे रहते हैं, फिर भी काम नहीं हो रहा?

ताज्जुब इस बात का भी है कि आपको जनता ने चुना है, आपको फिर से जनता के पास ही जाना है, फिर जनता की चिन्ता क्यों नहीं करते? माना कि इंदौर पर भाजपा की पकड़ है और हर बार जनता आपको कुर्सी पर बिठा भी देती है, लेकिन क्या जनता के लिए आपका कोई फर्ज नहीं बनता?

सच कहता हूं…एक बार सोचिएगा जरूर…राजनीति से अलग हटकर शहर हित में सोचिए…जनता जब तक साथ है तभी तक आप हैं…आपका भी फर्ज बनता है कि जनता का साथ दीजिए…

 

 

 

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