इंदौर। मनी लॉड्रिंग सीधे तौर पर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है, किंतु जब यह आतंकवाद का वित्त पोषण करता है तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की जटिल समस्या और विश्व स्तर पर अशांति जैसी गंभीर समस्या को जन्म देता है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने मनी लॉड्रिंग जैसी गतिविधियों को रोकने में काफी सफलता पाई है। केंद्र सरकार की ईडी जैसी संस्थाएं इस पर कड़ी नजर रखती हैं।
यह बात मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने इदौर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित यूरेशियन समूह की 41वीं ईएजी प्लेनरी बैठक के उद्घाटन सत्र में गुरुवार को कही। राज्यपाल ने कहा कि भारत की आधार पहचान प्रणाली, कैशलेस इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे प्रावधानों से मनी लॉड्रिंग को रोकने में काफी सफलता मिली है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे प्रावधानों के कारण कर चोरी और काले धन से निपटने में भी सफलता मिली है। राज्यपाल ने कहा कि यह आवश्यक है कि इस बैठक में अवैध वित्तीय लेनदेन पर निगरानी के लिए विश्व स्तर पर आधुनिक नवाचार पर चिन्तन किया जाए। अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए एआई जैसे आधुनिक तकनीक के प्रभावी उपयोग और चुनौतियों पर विचार किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार के राजस्व विभाग द्वारा आयोजित इस बैठक में शामिल होकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। लोकमाता देवी अहिल्या बाई की नगरी, देश के सबसे स्वच्छ शहर और प्रदेश की आर्थिक राजधानी में ऐसे विश्वस्तरीय आयोजन के लिए मैं आयोजकों को बधाई देता हूं। वैश्विक अर्थव्यव्था और शांति के लिए मनी लाड्रिंग व आतंकवाद से निपटने की दिशा में यह बड़ा कदम है। आशा है कि अंतर्राष्ट्रीय शांति और विश्व कल्याण की पवित्र भावना के साथ यह आयोजन सफल होगा।
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