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मध्यप्रदेश में निशाने पर खाकी: इंदौर में सड़क पर टीआई को दौड़ाने के बाद मऊगंज में एएसआई को मार डाला, टीआई का सिर फोड़ा

एक ही दिन में मध्यप्रदेश में पुलिस पर हमले के दो बड़े मामलों ने बढ़ाई चिन्ता

भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश में खाकी निशाने पर है। शनिवार को ही इंदौर में हाईकोर्ट के सामने वकील और पुलिस आपस में भिड़ रहे थे। वकीलों ने तुकोगंज के टीआई को सड़कों पर दौड़ा दिया। वर्दी पर हाथ लगाए, डिवाइडर पर गिरा दिया। उधर, मऊगंज जिले में एक अलग ही घटनाक्रम चल रहा था। इस घटना में भी पुलिस पर लोगों ने हमला बोल दिया, जिसमें एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। इतना ही नहीं तहसीलदार कुमारे लाल पनिका और टीआई संदीप भारती को भी बुरी तरह पीटा गया। इसमें तहसीलदार के हाथ-पैर की हड्‌डी टूट गई और टीआई का सिर फट गया।

इंदौर में हाईकोर्ट की सामने की सड़कों पर जो कुछ भी हुआ, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उसी इलाके के एक टीआई को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर पीटने की कोशिश करना आखिर कानून-व्यवस्था की किस स्थिति को बयां करता है। जिसने भी कल की घटना का वीडियो देखा, वह दंग रह गया। मामला परदेशीपुरा थाने से शुरू हुआ था। वकीलों के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर जब केस दर्ज नहीं हुआ तो सारी भड़ास तुकोगंज पुलिस पर उतार ली गई। कम से कम इंदौर जैसे शांतिप्रिय शहर के लिए तो यह घटनाक्रम अच्छा नहीं ही माना जाएगा।

मऊगंज जिले में जो कुछ हुआ वह चिन्ताजनक

मऊगंज जिले के गड़रा गांव में शनिवार को आदिवासी गुट के लोगों ने ब्राह्मण परिवार पर हमला बोल दिया। सनी द्विवेदी ने इसकी सूचना पुलिस को दी, पुलिस की टीम मौके पर रवाना हुई, लेकिन वहां पहुंचने से पहले सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई। पुलिस टीम को देखते ही आदिवासी लोगों ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को घेर लिया। हमले में एएसआई रामचरण गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए, अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। थाना प्रभारी संदीप भारती, तहसीलदार पनिका, एएसआई जवाहर सिंह यादव और बृहस्पति पटेल समेत अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। तहसीलदार पनिका और टीआई संदीप को गंभीर चोटें आई हैं। तहसीलदार के हाथ-पांव की हड्‌डी टूट गई और टीआई का सिर फूट गया।

सड़क हादसे के कारण हुआ था विवाद

बताया जा रहा है कि शनिवार रात को मऊगंज में हुए विवाद का असली कारण दो महीने पहले हुआ एक सड़क हादसा है। इस हादसे में अशोक कुमार आदिवासी की मौत हो गई थी। आदिवासी परिवार का आरोप था कि अशोक की हत्या की गई, उन्होंने इसका आरोप सनी द्विवेदी पर लगाया था। लेकिन, पुलिस ने जांच के बाद सनी को क्लीनचिट दे दी। आदिवासी परिवार इससे संतुष्ट नहीं था। वह अशोक की मौत का जिम्मेदार सनी द्विवेदी को मान रहे थे। इसी के चलते शनिवार को आदिवासियों के एक जुट ने सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर एक कमरे में बंद कर लिया। उसके साथ जमकर मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। 

मध्यप्रदेश में पुलिस पर लगातार हमले

मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं। पिछले साल छतरपुर में थाने पर हमला कर दिया गया था।  खरगोन में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पुलिस डंडा खा चुकी है। ग्वालियर में जुए की सूचना पर पहुंचे एएसआई का सिर फूट चुका है। भिंड, शहडोल, मुरैना आदि से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं बताती हैं कि या तो पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ गया है या फिर कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी कमजोर हो गई है लोगों में इसका डर नहीं रहा। समय रहते कोई ठोस कदम उठाने होंगे, नहीं तो मध्यप्रदेश की शांति पर खतरा मंडराता रहेगा।

 

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