जबलपुर। यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने के मामले में सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार ने कोर्ट से छह सप्ताह का समय मांगा। इस पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सरकार की मांग मानते हुए उसे छह सप्ताह का समय दे दिया। अब मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान होईकोर्ट की डिवीजन बेंच से सरकार ने कहा कि गलत जानकारी के कारण पीथमपुर में हालात बिगड़े और स्थिति खराब हुई। सरकार की ओर से कोर्ट में एक हलफनामा पेश किया है, जिसमें सरकार ने बताया है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर लोगों द्वारा भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही है। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुद्दे से जुड़ी फेक जानकारी या न्यूज पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा है कि गलत जानकारी को दूर किया जाए। अदालत में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि 3 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीले कचरे को हटाने के लिए चार हफ्ते की समय-सीमा तय की थी। सरकार को चेतावनी भी दी थी कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। इसलिए हमें 6 सप्ताह का समय दिया जाए। इस तर्क को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 18 फरवरी दी है।
कंटनेर खाली करने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं
सरकार ने रामकी कंपनी में खड़े कंटेनर को अनलोड करने की अनुमति कोर्ट से मांगी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसके लिए अलग से अनुमति की जरूरत नहीं है। निस्तारण के पूर्व आदेश में ही यह कार्रवाई आती है। राज्य सरकार ने कोर्ट में बताया कि कचरे को अभी जलाया नहीं गया है। इस पर कोर्ट ने सरकार को अपने स्तर पर निस्तारण करने की छूट दी है। इसके लिए उसे छह हफ्ते का समय दिया गया है। कोर्ट में कचरे के निस्तारण को लेकर इंदौर के डॉक्टर्स द्वारा कई आवेदन और आपत्तियां पेश की गई हैं। इन्हें लेकर कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वे सभी आवेदन और आपत्तियां को संज्ञान में लेकर उसमें दिए गए तथ्यों को देखे।
इंदौर के संगठन ने दायर की है याचिका
संबंधित याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमिनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में 28 दिसंबर को दायर की थी। जहां से इसे जबलपुर खंडपीठ में ट्रांसफर किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनोदकर का कहना है कि सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना यह एकतरफा कदम उठाया है। इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह दोनों शहरों की जनता के लिए हानिकारक साबित होगा। इसे वापस भोपाल ले जाना चाहिए।
फर्जी पोस्ट पर दो गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार करने वाले भारत मीणा और गोवर्धन पंवार को केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। दोनों जहरीला कचरा जलाने के संबंध में फर्जी पोस्ट डाल रहे थे। हाईकोर्ट ने भी मीडिया से फर्जी खबरें नहीं चलाने को कहा है।
सीएम ने हाईकोर्ट को दिया धन्यवाद
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा छह सप्ताह का समय दिए जाने पर धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि हमने जो कहा था
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