इंदौर। नवरात्रि शुरू होने से पहले ही गरबे में प्रवेश को लेकर विवाद प्रारंभ हो गया था। कोई भाजपा नेता यह कह रहा था कि गोमूत्र पिलाएं, तो कोई आधार कार्ड देखने की बात कह रहा था। हर साल यह विवाद होता है। इन विवादों को देखते हुए रतलाम के शहर काजी ने एक अच्छा फैसला किया है। उन्होंने पत्र जारी कर मुस्लिम समाज से गरबे में नहीं जाने की अपील की है।
रतलाम के शहर काजी अहमद अली ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के साथ ही वाट्सएप पर भी यह पत्र जारी किया है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि वक्त व हालात को देखते हुए मुस्लिम समाजजन नवरात्रि मेला या गरबा में न जाएं। काजी अहमद अली ने कहा कि इस तरह के बयान आ रहे हैं कि गरबे में मुसलमान आएंगे, तो मारेंगे। यह बयानबाजी गलत है। ऐसे हालात में मैंने तय किया कि मैं अपने लोगों को ही घर में बैठने के लिए कहूं।
हर साल बनती है विवाद की स्थिति
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष गरबा आयोजनों में विवाद की स्थिति बनती है। हिंदूवादी संगठनों के लगातार अपील और चेतावनी के बाद भी मुस्लिम युवक गरबे में आते हैं और विवाद होता है। इंदौर में भी हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम युवकों के साथ ही गरबा आयोजकों को भी चेतावनी दी है कि वे किसी भी तरह गैर हिंदुओं का प्रवेश रोकें। इंदौर में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा कराए गए गरबा आयोजनों की अनुमतियां भी निरस्त हुई हैं। ऐसे में रतलाम काजी का यह फैसला बहुत सही है। क्या इस तरह की अपील दूसरे शहरों के काजी नहीं कर सकते?
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